भोपाल। सीबीआई की 80 गाडि़यां और 150 अफसरों की टीम ने गुरुवार को प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। करीब चौदह घंटे सीबीआई की कार्रवाई चली। इस बीच अफसर और नेता पूरी टोह लेने में लगे रहे। सीबीआई के मुख्यालय भोपाल से लेकर प्रदेश के अन्य शहरों में मौजूद टीमें एक साथ एवं एक समय पर छापे के लिए निकली थीं।
भोपाल में 23 स्थानों पर टीम पहुंची तो विदिशा, उज्जैन और इंदौर भी भोपाल से ही गाडि़यां रवाना की गईं। अन्य शहरों के लिए बुधवार रात को ही टीमें भेज दी गई थीं। छापेमार कार्रवाई में 350 से अधिक अफसर-कर्मचारी लगाए गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गुरुवार तड़के चार-पांच बजे से ही सीबीआई दफ्तर के बाहर गाडि़यां आना शुरू हो गई थीं। छह बजे से पहले दफ्तर के सामने और आस-पास के रास्तों में काफी दूर तक गाडि़यां कतारबद्ध खड़ी नजर आईं। केंद्र सरकार के कार्यालयों में अटैच गाडि़यों के साथ ही प्रायवेट टैक्सियां भी बुलाई गईं। आसपास के जिलों के लिए टीमें पहले रवाना कर दी गई थीं। सभी अधिकारियों को सुबह छह बजे कार्यालय में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए थे। प्रदेश के दूसरे शहरों के लिए रात में ही टीमें रवाना हो गई थी। उन्हें गुरुवार सुबह वहां पहुंचकर रिपोर्ट देने का कहा गया था।
जब दूसरे के घर की बजा दी घंटी
सीबीआई की टीम चूना भट्टी में स्थित व्यापमं के तत्कालीन सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोङ्क्षहद्रा और भरत मिश्रा के आवास पर पहुंची। उनकी जगह टीम ने पड़ोसी के घर की घंटी बजा दी। इससे पड़ोसी घबरा गए। सूत्र बताते हैं कि मोहिंद्रा और मिश्रा के परिजनों ने कई बार घंटी बजाने के बाद दरवाजा खोला। दोनों के घर पर सीबीआई की दोपहर बाद तक कार्रवाई जारी रही।
कॉलेज और छात्रावास भी पहुंची
उत्तरप्रदेश में सीबीआई टीम ने लखनऊ, इलाहाबाद और कानपुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टल और चिकित्सकों के आवासीय परिसर में छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के तीन शहरों में आज तड़के सीबीआई की करीब 12 टीमों ने एक साथ छापेमारी की। टीम ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव के लखनऊ स्थित आवास और पेट्रोल पंप पर भी छापे मारे। शैलेष की कुछ माह पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। टीम ने राज्यपाल के पूर्व ओएसडी धनराज यादव के लखनऊ स्थित 53/164 उर्मिला पुरी स्थित आवास और सुरेंद्र नगर के ठिकाने पर भी छापा मारा। लेकिन घर पर धनराज यादव और उसका बेटा डॉ. सौरभ नहीं थे। टीम को धनराज के रिश्तेदार ओमप्रकाश के घर से कुछ दस्तावेज मिले हैं। लखनऊ में ङ्क्षकग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी परिसर में सीबीआई ने छापा मारा और हॉस्टल में छात्रों के कमरों की तलाशी ली।
क्यों मारे छापे
सीबीआई को सुप्रीमकोर्ट में कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट पेश करना है। अभी तक सीबीआई मामले ट्रांसफर की प्रक्रिया से गुजर रही थी। सुप्रीमकोर्ट ने उससे अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। साथ ही सीबीआई को छापे में कुछ नए तथ्य और सबूत मिलने की संभावना थी। इस कारण एक साथ कार्रवाई की गई। इस दौरान फरार आरोपियों की तलाश भी की गई।
सरगना के घर से पीओपी तोड़कर जब्त किए सबूत
डॉ. त्रिवेदी के घर से ले गए दस्तावेज, रघुवंशी के घर पूछताछ
इंदौर। सीबीआई की टीम 5 टीमों ने इंदौर में छानबीन की, एक टीम ने स्कीम न. 94 में रहने वाले डॉ. जगदीश सगर के घर में घुसकर घर में लगे पीओपी को तोड़कर कुछ सबूत खंगाले। विनय नगर में डॉ. पंकज त्रिवेदी के घर से कुछ दस्तावेज मिले जिन्हें बैग में रखकर साथ ले गए।
यहां सुबह करीब 11 बजे बाद सीबीआई की टीम ने अपनी छानबीन शुरू की। सीबीआई के कई अफसर इंदौर आए थे। स्थानीय पुलिस के अफसरों से संपर्क करने के बाद फोर्स की मांग की। पुलिस के पास ज्यादा फोर्स नहीं था, इस पर सीबीआई टीम अपने साथ 5 महिला आरक्षकों को लेकर कार्रवाई शुरू की। स्कीम न. 114 के आगे स्कीम न. 94 के डॉ. जगदीश सगर के मकान में सीबीआई की टीम पहुंची। डॉ. सगर की पत्नी व मां पहले यहां रहती थी। पत्नी पर पुलिस ने शिकंजा कसा तो वह यहां से चली गई, बाद में कुछ समय तक मां रही।
त्रिवेदी के घर में मिले दस्तावेज
दोपहर करीब 12 बजे एक टीम विनय नगर में रहने वाले व्यापमं के पूर्व परीक्षा कंट्रोलर डॉ. पंकज त्रिवेदी के घर पहुंची। यहां एक चौकीदार तैनात है। टीम ने बंगले के अंदर जाकर छानबीन की। यहां पर डॉ. त्रिवेदी की पत्नी रहती है लेकिन जब सीबीआई की टीम पहुंची तो वे भी घर पर नहीं थी। कुछ दस्तावेज मिले है जिन्हें अपने साथ बैग में टीम ले गई।
महिला बल के साथ पहुंची रघुवंशी के घर
सीबीआई की टीम पाश्र्वनाथ नगर में रहने वाली अरविंडो मेडिकल कॉलेज के जीएम रहे प्रदीप रघुवंशी के घर भी पहुंची। रघुवंशी के मकान में पत्नी, बेटा रहते है। प्रदीप रघुवंशी अभी जेल में है। टीम ने परिवार के लोगों से बात की और सामान भी साथ लिया। आसपास के लोगों ने सीबीआई टीम के करीब आधे घंटे छानबीन की पुष्टि की है।
व्यापमं से ले गई 22 बक्सा रिकार्ड
भोपाल। सीबीआई की 30 सदस्यीय टीम ने गुरुवार की सुबह आठ बजे व्यापमं कार्यालय पर छापामार कार्रवाई की। अलसुबह पहुंचे सीबीआई के अधिकारियों ने सबसे पहले स्ट्रांग रूम और कम्प्यूटर सेक्शन के प्रभारियों आलोक निगम और एमके गांधी को बुलाकर कार्यालय खुलवाए। इसके बाद स्टोर रूम के असिस्टेंट इंजीनियर जेपी गुप्ता को बुलाकर स्टोर रूम खुलवाया। टीम के सदस्यों ने मुख्य रूप से इन तीनों विभागों पर लगभग 10 घंटे तक छानबीन की। इनके जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की गई। रात लगभग 8 बजे टीम रिकार्ड लेकर यहां से रवाना हुई।
कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क ले गई टीम
सबसे पहले टीम के सदस्यों ने कप्यूटर सेक्शन की छानबीन की। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने पूर्व कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी, पूर्व सिस्टम एलानिस्ट नितिन मोहिंद्रा और असिस्टेंट प्रोग्रामर सीके मिश्रा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न कम्प्यूटरों से लगभग 10 हार्डडिस्क जब्त की। चार लैपटॉप भी टीम ने जब्त किए। आधा दर्जन पेन ड्राइव भी टीम ने जब्त की। इसके अलावा विभिन्न विभागों से जुड़ी हुई दर्जनों फाइलें भी टीम ने अपने कब्जे में लीं। विभागीय सूत्रों के अनुसार लगभग 22 बक्से भर कर रिकार्ड टीम अपने साथ ले गई है।
व्यापमं के बाहर
स्ट्रांगरूम में जानी पेपरों की गोपनीयता
सीबीआई टीम ने इस दौरान स्ट्रांग रूम की भी बड़ी बारीकी से जानकारी ली। पेपर कैसे लाए जाते हैं, उन्हें कैसे रखा जाता है। गोपनीयता कैसे मेंटेन की जाती है इसकी जानकारी टीम ने स्ट्रांग रूम प्रभारी आलोक निगम से ली। सीबीआई ने आलोक निगम से कई सवाल-जवाब भी किए।
डायरेक्टर से नहीं हुए सवाल जवाब
सीबीआई की इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद व्यापमं की अध्यक्ष अरुणा शर्मा कार्यालय नहीं पहुंची। वहीं डायरेक्टर तरुण पिथौड़े लगभग 11 बजे कार्यालय पहुंचे और लगभग दो बजे वहां से निकल गए। सूत्रों के अनुसार सीबीआई टीम ने दोनो ही उच्च अधिकारियों से पूछताछ नहीं की।
उर्मिला शुक्ला और कंट्रोलर आलोक चौबे से पूछताछ
स्टोर रूम प्रभारी एवं असिस्टेंट डायरेक्टर उर्मिला शुक्ला और कंट्रोलर आलोक चौबे से सीबीआई की टीम ने लंबी पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार उर्मिला शुक्ला लगभग 11 बजे व्यापमं पहुंची। टीम ने लगभग 2.30 घंटे उनसे स्टोर रूम से जुड़े सवाल जवाब किए। पूर्व में जारी किए गए लैपटॉप, कम्प्यूटर और पेन ड्राइव आदि की जानकारी उनसे ली गई। एेसे ही कम्प्यूटर सेक्शन के बारे में आलोक चौबे से टीम ने लंबी पूछताछ की।
जेल से लिखे खत भी ले गई
व्यापमं के दलाल संतोष गुप्ता के घर पर पहुंची टीम, 03 लाख रुपए नकद मिले, जब्त करके ले गए
जबलपुर। व्यापमं घोटाले में भोपाल जेल में बंद एक दलाल के घर से सीबीआई को उसके खत मिले हैं। यह खत आरोपी ने जेल से अपनी पत्नी के लिए लिखे थे, जिन्हें सीबीआई ने जब्त कर लिया है। इन खत में व्यापमं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी हैं। खत के साथ घर से सीबीआई को 3 लाख रुपए नगद भी मिले हैं। आरोपी एक कोचिंग का संचालन करता है।
सीबीआई की टीम में व्यापमं घोटाले में जेल में बंद संतोष गुप्ता के जबलपुर में तुलसीनगर साकार उदय स्थित घर पर छापा मारा। यहां सीबीआई की टीम करीब दस घंटे रही। संतोष की पत्नी के बयान लिए और दस्तावेज एवं नगदी बरामद किए। जेल से संतोष ने अपनी पत्नी को खत लिखे थे। इन खत के साथ एक डायरी भी मिली है, जिसमें व्यापमं से जुड़ी बातों का उल्लेख है। सूत्रों ने बताया कि संतोष पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, नितिन महिन्द्रा, पंकज त्रिवेदी और सुधीर शर्मा के सीधे संपर्क में था। उसने वन रक्षक सहित पीएमटी और अन्य परीक्षाओं में कई अभ्यथियों का चयन कराया था। वह राइट टाउन में एनईआईसी नाम से कोचिंग चलाता था। कई भर्तियों और पीएमटी में उसने चयन कराया था।
29 जुलाई 2013 को क्राइम ब्रांच जबलपुर ने उसे गिरफ्तार कर इंदौर क्राइम ब्रांच को सौंपा था। दो अगस्त को इंदौर क्राइम ब्रांच ने उसके घर और ससुराल से 51 लाख रुपए और अन्य दस्तावेज जब्त किए थे।
रास्तों की नाकेबंदी कर पूरे सात घंटे तक चला तलाशी अभियान
10 सदस्यीय टीम ने की सीके मिश्रा के घर कार्रवाई, तीन डायरियां जब्त, कोड वर्ड में लेन-देन का हिसाब
रीवा। सीबीआई की टीम ने भोपाल केंद्रीय जेल में बंद व्यापमं के पूर्व डाटा इंट्री आपरेटर चंद्रकांत मिश्र (सीके मिश्रा) के रीवा के मऊगंज थाना क्षेत्र के बमुरिहा गांव स्थित घर पर छापा मारा। यहां करीब सात घंटे तलाशी अभियान चला। सीबीआई को कुछ दस्तावेज भी हाथ लगे, जिन्हें जब्त कर लिया गया। सीबीआई की दस सदस्यीय टीम छापा मारने पहुंची थी। इस दौरान उसके घर की ओर आने-जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई थी।
तड़के छह बजे जिस समय टीम पहुंची पूरा परिवार सो रहा था। टीम ने परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल भी लेकर रख लिए थे, जो जाते वक्त लौटाए। मिश्रा के घर तीन डायरियां मिली हैं, जिन्हें टीम ने कब्जे में ले लिया है। परिजनों और आसपास के लोगों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। जिन्होंने आरोपी के संपत्ति संबधी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
जब्त डायरियों में से एक डायरी में घरेलू हिसाब लिखा हुआ है। जबकि दूसरी डायरी में अलग-अलग लोगों के मोबाइल नम्बर हैं। तीसरी डायरी में पैसे के लेनदेन का हिसाब है। जिसमें कोड से नाम लिखे हुए हैं। इन डायरियों से कई अहम सुराग मिलने के साथ ही कई और नए नामों का खुलासा हो सकता है।