बीयू के जवाहर और मुंशी प्रेमचंद बॉयज हॉस्टल में पलंग की कमी है, जो हैं वो भी टूट चुके हैं। सामान्यत: एक कमरे में दो छात्रों को रखा जाता है, लेकिन कुछ कमरों में पलंग की हालात बदतर होने से एक कमरे में दो पलंग को जोड़कर तीन-तीन विद्यार्थी रह रहे हैं। इसके अलावा कमरों में स्टडी टेेबल और कुर्सी तक नहीं हैं। वॉर्डन की मानें तो पलंग और स्टडी टेेबल, कुर्सी के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। इस माह के अंत तक नया फर्नीचर आ जाएगा।
हॉस्टल में सौ के अधिक छात्रों के लिए महज 10-12 थालियां ही हैं। इसके अलावा खाना बनाने वाले बर्तन भी टूटे-फूटे हैं। छात्रों के विरोध के बाद वॉर्डन ने इंदिरा गांधी गल्र्स हॉस्टल से थालियां और खाना बनाने के बर्तन मंगवाकर छात्रों को दिए। प्रबंधन का कहना है कि बर्तनों के लिए भी टेंडर हो चुका है, इसी महीने सप्लाई आ जाएगी।
हॉस्टल में आग लगने की घटना के बाद सभी हॉस्टलों में अग्निशमन यंत्र लगाए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन अब तक अग्निशमन यंत्र नहीं लग पाए हैं। इसके अलावा हॉस्टलों के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लग पाए हैं।
अजीत श्रीवास्तव, प्रभारी रजिस्ट्रार, बीयू