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महंगा होने के बावजूद भी लोग करा रहे हैं बोटोक्स
प्लास्टिक सर्जन डॉ. अनुराधा शर्मा के मुताबिक, 40 की उम्र के बाद अकसर लोग स्किन बोटोक्स करा रहे हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि, आजकल ये काफी चलन में है। हालांकि, ये ट्रीटमेंट अभी अमीरों के लिए ही सीमित है, क्योंकि, ये ट्रीटमेंट काफी महंगा है। दुनिया भर में न केवल महिलायें बल्कि पुरुष भी बोटोक्स को अपनाने लगे हैं। मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में कई सर्जन ये ट्रीटमेंट कर रहे हैं। बोटोक्स में आमतौर पर 1 से 3 इंजेक्शन हर मांसपेशी में लगाए जाते हैं। सुइयों के निशान आमतौर पर एक-दो दिन में दिखना बंद हो जाते हैं, लेकिन इससे चेहरे पर दौबारा खिचाव और नमी दिखाई देने लगती है, जिसके कारण झुर्रियां दिखाई देना बंद हो जाती है।
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क्या होता है बोटोक्स
बोटोक्स चेहरे पर नमी बनाए रखता है, जिससे उम्र के कारण चेहरे पर दिखने वाला रूखापन और झुर्रियां खत्म हो जाता है। ये ट्रीटमेंट सिर्फ तीस साल के बाद ही किया जाता है। इस ट्रीटमेंट में इंजेक्शन के जरिये मांसपेशियों को ढीला और गतिहीन किया जाता है। ये ट्रीटमेंट हर चार से छह महीने में एक बार लेना पड़ता है। इससे त्वचा में समय के साथ होने वाली कमियों की पूर्ति होती है।
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इन बातों का रखें ध्यान