भोपाल। केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक और बड़ा फैसला लेते हुए सोना रखने की सीमा तय कर दी है। हालांकि सोना रखने की लिमिट पहले से तय थी, केंद्र सरकार ने अब इस नियम को और सख्त कर दिया है। इस फैसले की सूचना आते ही बाजार में हड़कंप मच गया।
लोग शादी-ब्याह, पुष्य नक्षत्र और विशेष मुहूर्त के दौरान सोना खरीदते हैं। लेकिन, लेकिन वे जल्दबाजी में इसकी शुद्धता की पड़ताल नहीं कर पाते।
mp.patrika.com आपको बताने जा रहा है सोना असली है या नकली, इसकी पहचान हर कोई नहीं कर सकता।
इन TRICKS से आप खुद पहचानें इसकी शुद्धता
1- कैरेट गोल्ड का मतलब होता है 1/24 पर्सेंट गोल्ड, यदि आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)गुणा 100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी है।
2- मसलन 24 कैरेट सोने का रेट टीवी पर 27000 है और बाजार में इसे खरीदने जाते हैं तो 22 कैरेट सोने का दाम (27000/24)गुणा 22=24750 रुपए होगा। जबकि ज्वैलर आपको 22 कैरेट सोना 27000 में ही देगा। यानी आप 22 कैरेट सोना 24 कैरेट सोने के दाम पर खरीद रहे हैं।
3- ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी। (27000/24)गुणा 18= 20250 जबकि ये ही सोना ऑफर के साथ देकर ज्वैलर आपको छलते हैं।
(नोट: यदि आप इस कैल्कुलेशन के हिसाब से सोना खरीदेंगे तो बाजार में कभी धोखा नहीं खाएंगे)
विवाहित महिलाएं रख सकेंगी 500 ग्राम सोना
मोदी सरकार के इस फैसले से तय हो गया है कि अब काला धन से सोना खरीदने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस फैसले के मुताबिक शादीशुदा महिलाएं 500 ग्राम तक सोना रख सकती हैं, वहीं अविवाहित महिलाएं 250 ग्राम तक सोना अपने पास रख पाएंगी। इससे अधिक खर्च करने पर उन्हें सरकार को बताना पड़ेगा।
शुद्धता का ख्याल रखें
1- गोल्ड ज्वैलरी खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाएं। 24 कैरेट गोल्ड सबसे शुद्ध होता है पर इससे ज्वैलरी नहीं बनती।
2- गोल्ड ज्वैलरी 22 या 18 कैरेट के सोने से बनती है। यानी 22 कैरेट गोल्ड के साथ 2 कैरेट कोई और मेटल मिक्स किया जाता है।
3- ज्वैलरी खरीदने से पहले हमेशा ज्वैलर्स से सोने की शुद्धता की जांच करा लें। सोने की शुद्धता जानने के लिए सोने को पिघलाया भी जाता है।
4- कुछ कैमिकल और एसिड होते हैं जिनके इस्तेमाल से सोने की गुणवत्ता परखी जा सकती है। सोने के संपर्क में आने के बाद इन पर कोई असर नहीं होता लेकिन अशुद्ध सोने के संपर्क में आने पर ये रियेक्ट करते हैं।
5- वाइट गोल्ड ज्वैलरी अगर आप ले रहे हैं तो निकेल या प्लैटिनम मिक्स के बजाए पैलेडियम मिक्स ज्वैलरी लेना बेहतर होगा।
6- निकेल या प्लैटिनम मिक्स वाइट गोल्ड से स्किन एलर्जी होने का खतरा रहता है।
सिक्का लेते वक्त ये बातें जरूर ध्यान रखें
1- असली और नकली सिक्कों की पहचान वे उसकी खनक से करते हैं। मेटल पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है। प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है।
2- सिक्का या ज्वैलरी खरीदते वक्त कच्ची पर्चियां लेने का ट्रेंड है। लेकिन यह गलत है। कई बार वापसी के वक्त ज्वैलर खुद ही अपनी कच्ची पचीज़् नहीं पहचानते, इसलिए पक्का बिल जरूर लें। बिल में सोने का कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क का जिक्र जरूर हो।
सोने की क्वालिटी पर गौर करना जरूरी
सोना खरीदते समय उसकी क्वालिटी पर जरूर गौर करें। सबसे अच्छा है कि हॉलमार्क देखकर सोना खरीदें। आपको बता दें कि हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है।
24 कैरेट गोल्ड की नहीं बनती ज्वैलरी
हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन, नियम और विनियम का काम करती है। सबसे पहली बात यह कि असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आम तौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है। हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं। सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता। मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है। इससे शुद्धता में शक नहीं रहता।
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