सत्ता और संगठन ने रणनीति तैयार कर ली है। मंत्री भी अपने क्षेत्र और प्रभार वाले जिलों में प्रचार करेंगे। बता दें कि हाल ही में शिवराज सरकार ने सभी विभागों की नौकरी में ओबीसी को 27% आरक्षण देना तय किया है। इसमें कोर्ट में लगे केस को छोड़कर बाकी सभी प्रकरणों में आरक्षण दिया जाएगा। सरकार बताएगी कि कांग्रेस के समय गलत कदम से ओबीसी आरक्षण ‘पर सटे हो गया, लेकिन भाजपा ने फैसला कर लिया।
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कांग्रेस सरकार की गलती पर कोर्ट ने मांगा जवाब
ओबीसी आरक्षण में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गलत जवाब पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एमपी-पीएससी से जवाब मांगा है। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के एक गलत निर्णय के कारण जवाब मांगा गया है। अगली सुनवाई अब 14 सितंबर को होगी।
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भूपेंद्र सिंह का कहना है कि याचिका आरक्षण लागू करने वाला बताया गया है, वह नियम कमलनाथ की तत्कालीन सरकार ने ही अगली सुनवाई अब 14 सितंबर सरकार ने ही लागूकिया था। ठद्व उन्होंने यह नहीं बतया। था। मंत्री भूपद्र सिह ने कहा कि कमलनाथ ने सरकार में रहते हुए खुद ही आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया। अब खुद के बनाएनियम को ही न्यायालय में चुनौती देकर उन्होंने महा-भूल को स्वयं स्वीकार लिया है। राज्य में ओबीसी की जनसंख्या 51% है।
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पटवारी बोले- 17 साल से गुमराह कर रही भाजपा
पूर्व मंत्री व कांग्रेस जीतू पटवारी ने पलटवार करके कहा कि ओबीसी के मुद्दे पर भाजपा पिछले 17 साल से जनता को गुमराह कर रही है। राज्य में 15 साल लगातार भाजपा की सरकार रही, लेकिन ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का निर्णय कमलनाथ सरकार ने किया। अब भी भाजपा केवल राजनीति करके गुमराह कर रही हैं। कोर्ट में भी भाजपा सरकार गुमराह करने वाले तथ्य पेश कर रही है। आने वाले समय में ओबीसी वर्ग को पता चल जाएगा और चुनाव में यह बीजेपी को सबक सिखाएगा।