दरअसल, इंदौर नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस और असीत खरे अपनी टीम के साथ शहर के जर्जर मकानों को गिराने गए थे। यह मकान शहर के जेल रोड स्थित गंजी कंपाउंड में है। जहां एक दो मंजिला इमारत खतरनाक मकानों की सूची में है। निगम की नोटिस के बाद सबने मकान खाली कर दिया था। लेकिन एक किराएदार वहां डटा हुआ था। उसे गिराने गए अफसरों से एक किराएदार भिड़ गए। इतने में विधायक वहां पहुंच गए और अफसरों से भिड़ गए। फिर उन्हें बैट से पीटने लगे।
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा कि मध्यप्रदेश के बीजेपी एमएलए आकाश विजयवर्गीय बैट्समैन (
Indian batsman ) बनना चाहते थे। लेकिन उन्हें जबरन आरएसएस की शाखा में भेज दिया गया। उन्होंने फाइनल अपने ड्रीम को फॉलो किया।
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कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे ने निगम अधिकारियों को बैट से पीटा, कहा- मैं पीटता रहूंगा यूजर्स ने भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि हर कोई बल्लेबाज लेकिन अब असली बैट्समैन पहुंच गया है। एक यूजर ने और लिखा कि भारत हमेशा बेहतरीन बल्लेबाज देता रहा है।
गौरतलब है कि नगर निगम अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में कोर्ट से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गयी को जमानत नहीं मिली है। जमानत याचिका खारिज होने के बाद आकाश विजयवर्गीय को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि उनके वकील अब गुरुवार को सेशन कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे।
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बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को जेल, कोर्ट से नहीं मिली जमानत क्या कहा आकाश विजयवर्गीय नेविधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा- मंत्री सज्जन वर्मा के इशारे पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब निगम अधिकारियों पर बल्ला चलता रहेगा। बता दें कि नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड इलाके में जर्जर मकान तोड़ने पहुंची थी। आकाश विजयवर्गीय ने कहा- मुझे अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। जनता के लिए जरूरी हुआ तो मैं मारपीट भी करता रहूंगा। उन्होंने अधिकारियों को दोबारा भी पीटने की धमकी दी है।