जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्र पिछले साल पेड न्यूज मामले में फंस गए थे। चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ मिश्र कोर्ट की शरण में चले गए थे। शुक्रवार को दोपहर में आए दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बैंक के इस बड़े फैसले के बाद नरोत्तम मिश्र अब मंत्री पद पर बने रहेंगे और आने वाला चुनाव भी लड़ सकेंगे। चुनाव से पहले इस फैसले से मंत्री समेत शिवराज सरकार को भी राहत मिली है।
तीन साल के लिए अयोग्य घोषित हुए थे नरोत्तम मिश्र
मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्र को पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग ने तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया था। इस संबंध में मिश्र को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया था। कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि वे 15 दिनों के भीतर मामले को निपटा लें। इसके बाद 28 अगस्त 2017 को पंद्रह दिन पूरे होने के बावजूद मिश्र के वकील कोर्ट में उपस्थिति नहीं हुए, तो कोर्ट ने 7 सितम्बर की तारीख तय कर दी थी। तारीखों के बढ़ने का सिलसिला चलता रहा।
जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। मामला वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव का है, जब पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने पेड न्यूज की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने पेड न्यूज मामले में जांच करने के बाद उन्हें दोषी माना था। आयोग ने उन्हें तीन साल के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया था।
दतिया से ही पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था और धारा 10ए के तहत चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।
मंत्री पद पर था खतरा
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद ही राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं जनसंपर्क मंत्री मिश्रा के मंत्री पद पर भी खतरा मंडराने लगा था। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि अब उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा था कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को गुमराह कर चुनाव जीतने वाले मंत्री मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।