बेटे अभिज्ञान पटेल की गुंडागर्दी के मामले में मंत्री नरेंद्र पटेल के दबाव में पुलिस अफसरों ने ऐसे पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया, जो घटना के समय शाहपुरा पुलिस थाने में मौजूद ही नहीं था। पुलिसकर्मी ने विभाग को शिकायत की है। विभागीय व्हाट्सएप ग्रुपों में पुलिसकर्मी ‘राजनीतिक बलि’ लेने पर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने स्वीकार किया कि एक निलंबित पुलिसकर्मी की याचिका की जांच हो रही है।
पुलिसकर्मी का कहना है कि वे घटना के समय पुलिस स्टेशन में थे ही नहीं। वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रिका को बताया कि घटना के दिन मंत्री ने थाने के 15 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने को कहा था। पिता का नाम एफआइआर में शामिल नहीं होने पर पत्रिका के सवाल पर टीआइ रघुनाथ सिंह का तर्क है कि आरोपी की पहचान हो चुकी है, बयान भी ले लिए एफआइआर में, पिता के नाम की जरूरत नहीं है।
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