मध्यप्रदेश में शुक्रवार का दिन काफी बड़ा है। आज शाम को भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकता है। पहली बार सांसदों को विधानसभा में उतारने के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार बढ़ गए हैं। लॉबिंग का भी दौर है। इसके साथ ही यूपी की तरह ही दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाए जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में एक सीएम पद पर और दो डिप्टी सीएम पद पर कितने लोगों को एडजेस्ट किया जाएगा। इसके अलावा आदिवासी और जातिगत समीकरणों के आधार पर भी सीएम का नाम सामने आएगा।
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क्या आदिवासी सीएम बनेगा
मध्यप्रदेश में क्या आदिवासी नेता को सीएम बनाया जाएगा, लेकिन भाजपा के पास कोई सर्वमान्य चेहरा नहीं है। केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि चुनाव हारने और जीतने से फर्क नहीं पड़ता है, अगर केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा तो फग्गन सिंह भी दावेदार हो सकते हैं। उनके मैदान में आने से कई आदिवासी सीटों पर भाजपा को फायदा हुआ है और उन्हें जीतने में भाजपा को सफलता मिली है।
संघ और पीएम के चहेते हैं सुमेर सिंह
मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री की रेस में अब मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का नाम भी सामने आ गया है। सुमेर सिंह सोलंकी प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हैं और प्रदेश में एक बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। सुमेर सिंह सोलंकी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चहेते माने जाते हैं और पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में भी उनकी गिनती होती है। ऐसे में उनका नाम तेजी से उठकर सामने आया है।
क्या होगा नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय का
सबसे बड़ा सवाल यह है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का क्या होगा? कैलाश जहां खुद को मुख्यमंत्री प्रायोजित करते घूम रहे हैं, वहीं नरेंद्र सिंह तोमर अपनी गंभीरता के साथ खामोश हैं। कहा जा रहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर अपना समर्थन शिवराज के चेहरे पर दे सकते हैं। सबसे मुश्किल में कैलाश विजयवर्गीय हैं, जिन्हें वापस मध्यप्रदेश की विधानसभा में एंट्री मिली है। अगर कोई दूसरा मुख्यमंत्री बनता है तो फिर क्या कैलाश वहीं से शुरू करेंगे, जहां से मध्यप्रदेश की राजनीति छोड़कर गए थे।
सिंधिया और वीडी शर्मा
सीएम पद के दावेदारों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी नजर आते हैं। यही दो बड़े नेता ऐसे थे, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। ऐसे में यह चौंकाने वाले नाम हो सकते हैं। सिंधिया राज्यसभा सदस्य हैं और केंद्रीय मंत्री भी। जबकि वीडी शर्मा खजुराहो से सांसद हैं। लेकिन, वीडी के लिए मुश्किल यह है कि वह ब्राहृमण नेता हैं और मध्यप्रदेश में भाजपा के भीतर फिलहाल ब्राहृमण मुख्यमंत्री की संभावनाएं काफी कम हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जरूर भाजपा में आने के बाद से खुद को कई बार सार्वजनिक तौर पर ओबीसी बोल चुके हैं।
क्या आएंगे दो डिप्टी सीएम
भाजपा के अंदर अभी कई तरह के कयास चल रहे हैं, लेकिन अभी तक विधायक दल की बैठक की तारीख तय नहीं हुई है। न ही अभी तक केंद्रीय पर्यवेक्षक तय हुए हैं, ऐसे में सिर्फ कयासबाजी चल रही है। माना जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री कोई भी बने, उत्तर प्रदेश की तरह दो डिप्टी सीएम मिल सकते हैं। अगर ओबीसी सीएम बना तो फिर एक एसटी और एक एससी डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं, ब्राहृमण के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष रखा जा सकता है। हालांकि इस फार्मूले पर भाजपा के भीतर से कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
आज इस्तीफा दे सकते हैं कमलनाथ
कांग्रेस खेमे में भी करारी हार के बाद बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। उनके चेहरे पर और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। कमलनाथ ने भी इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की है। शुक्रवार शाम दिल्ली में कांग्रेस तीन राज्यों में हार की समीक्षा करने वाली है। इसी बैठक में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहेंगे। समझा जा रहा है कि इस बैठक के बाद कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
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