भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन के बयान से साफ नजर आ रहा है कि वे केंद्रीय मंत्री से नाराज हैं, उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि – सिंधिया जी का कोई उपकार नहीं है, कटोरा लेकर अपनी थाली भर लेने का उपक्रम किया है, केवल दल बदलकर अपनी रीति-नीति का ही निर्वाह ही किया है, इतिहास इस बात की गवाही देता है, वे कुल मिलाकर अपने स्वार्थ के लिए आए हैं, उन्हें पता था कि मैं एक वजन दार परिवार का सदस्य हूं, जिसने भारतीय इतिहास में अपने खानदान को दर्ज किया है, और दर्ज करने के परिणाम स्वरूप इतना बड़ा नाम है, तो मुझे दल बदलने में कोई हानि नहीं होगी, इनके पिताजी ने भी दल बदला है, केवल एक मात्र राजमाता ऐसी आराध्य देवी थी जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनसंघ को संजीवनी प्रदान की, अब ये अपनी दादी की पार्टी में आ गए, अरे दादी की पार्टी में आए कि रपट के आ गए, इन्होंने कहा कि वहां सम्मान नहीं मिल रहा था, यहां मिल गया, सम्मान का मतलब फूल हार नहीं है, सम्मान का मतलब पद है, वो मिल गया।
आपको बतादें कि वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन भाजपा छोड़ सकते हैं, इन चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर उनका एक आडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे भाजपा नेताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, इस आडियो के बाद उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन वे अभी सीएम से नहीं मिले हैं, सत्यनारायण सत्तन ने सीएम से नहीं मिलने की वजह पारिवारिक कार्यक्रम में व्यस्तता बताई है, ऐसे में सीएम ने ये भी कहा कि जब आपको समय मिले तब आकर चर्चा करें।
सत्यनारायण सत्तन का साफ कहना है कि जो कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आ रहे हैं, उन्हें पद और सम्मान दिया जा रहा है, वहीं पार्टी के नेताओं को अनदेखा कर रहे हैं, जमीनी कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं की कोई पूछ परख नहीं है, आपको बतादें कि सत्यनारायण सत्तन के भाजपा छोडऩे की चर्चाओं से पहले पूर्व मंत्री दीपक जोशी की भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं चली हैं, इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के भाजपा छोडऩे की चर्चा ने पार्टी में खलबली मचा दी है।