इस बैठक में उन्होंने टारगेट दिया कि प्रदेश के सवर्ण नेता अपने-अपने क्षेत्र में जाकर एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों से चर्चा करें और समन्वय बनाने का काम करें। समय रहते समन्वय नहीं बनाया गया तो चुनाव के समय बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
कम से कम एक बस भरकर लाना
रामलाल के साथ राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, नारायण पंचारिया और दिल्ली से आए अन्य पदाधिकारियों ने दिनभर में छह बैठकें की। इस दौरान महापौरों और जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों को कार्यकर्ता महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा भीड़ लाने का टारगेट दिया गया। रामलाल ने सहकारी बैंक के अध्यक्षों से कहा संगठन ने आपको कुर्सी पर बैठाया है। कम से कम एक बस भरकर कार्यकर्ता तो लाना। रामलाल ने सभी मोर्चों को 27 सितंबर तक और प्रकोष्ठों को सात अक्टूबर तक चुनाव के मद्देनजर बैठकें करने को कहा है। रामलाल और अनिल जैन कार्यकर्ता महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने जंबूरी मैदान भी पहुंचे।
आप सक्रिय नहीं हो रहे हैं: रामलाल
पदाधिकारियों की बैठक में रामलाल ने कहा कि सभी जानते हैं सवर्ण आंदोलन के पर्दे के पीछे कौन है। इसमें आप सभी समन्वय बनाने में सक्रिय नहीं हो रहे हैं। 25 सितंबर को भोपाल में होने वाले कार्यकर्ता महाकुंभ से पहले सवर्ण आंदोलन पर लगाम जरूरी है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के साथ मंत्रणा के दौरान ब्राह्मण नेताओं में मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, अनूप मिश्रा, वीडी शर्मा और अर्चना चिटनीस मौजूद थीं। वहीं, क्षत्रिय नेताओं में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह, अरविंद भदौरिया विजेंद्र सिंह सिसौदिया व अजय प्रताप ङ्क्षसह मौजूद थे।