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भोपाल

ओमपुरी ने मिसाल कायम की आपका अभिनय आपको ‘हीरो’ बनाता है खूबसूरती नहीं : रजा मुराद

ओमपुरी के सबसे करीबी माने जाने वालों में अभिनेता रजा मुराद भी हैं। उनको श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने उनके साथ बिताए पलों और उनकी महान शख्सियत को बयां करते कुछ ऐसे ही संस्मरण हमसे शेयर किए हैं…

भोपालJan 06, 2017 / 03:34 pm

sanjana kumar

ompuri passes away,bhopal,mp

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भोपाल। पद्मश्री ओम राजेश पुरी का दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। ओमपुरी के सबसे करीबी माने जाने वालों में अभिनेता रजा मुराद भी हैं। उनको श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने उनके साथ बिताए पलों और उनकी महान शख्सियत को बयां करते कुछ ऐसे ही संस्मरण हमसे शेयर किए हैं…
जानें आप भी अभिनय की दुनिया के इस शख्स के कॅरियर की पहली सीढ़ी से सफलता तक की कहानी रजा मुराद की जुबानी…
वे कहते हैं कि सबसे पहले तो यही कहना चाहूंगा कि उन्होंने अभिनय की इस दुनिया में एक मिसाल कायम की कि खूबसूरत या चॉकलेटी होना जरूरी नहीं है, बल्कि अभिनय ही आपको यहां हीरो बनाता है।

बेहद करीबी दोस्त थे मेरे
मैंने उन्हें अपनी आंखों से हर सीढ़ी चढ़ते देखा है। वो मेरे जूनियर थे। फिल्म इंस्टीट्यूट से लेकर हमारी इंटा एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बनने तक मैंने हमेशा उन्हें फॉलो किया उनके कॅरियर को फॉलो किया है। वो मेरे बेहद करीबी दोस्त थे।

यहां हर शाम जमती थी हमारी महफिल
फिल्म शशि कपूर और शबाना आजमी अभिनित फिल्म ‘इन कस्टडी’ के लिए भोपाल आए थे। जब वे होटल अशोका होटल में ठहरे थे। रोज शाम को हम मिलते थे। महफिल सजाते थे, पुरानी यादें ताजा करते थे।

हर सिनेमा में छोड़ी छाप

वो एक ऐसे शख्स थे। पहले दिन से मैं उन्हें जानता हूं। 44 साल की हमारी मुलाकात है। ऐसे बहुत कम कलाकार हुए हैं। नसीरउद्दीन के अलावा। जिन्होंने पैरेलल सिनेमा में, रिजनल सिनेमा में, नेशनल-इंटरनेशनल सिनेमा में और कॉमर्शियल सिनेमा में यानी हर तरह के सिनेमा में अपनी अलग ही जगह बनाई।

थिएटर उनकी आदत था
इतना व्यस्त होने के बावजूद थिएटर से नाता नहीं तोड़ा। वो उनकी आदत था। उन्होंने अपने बलबूते पर अपना एक अलग ही मुकाम हासिल करता था। 

दिलवाला बंदा, दिल की बात करता था
कोई राजनीति, कोई हेराफेरी, कोई केलकुलेशन नहीं। ये इंसान जिसे मैं बहुत अच्छी तरह जानता था। हर काम दिल से करता था। दिमाग का इस्तेमाल तो करता ही नहीं था। सिर्फ रोल करते वक्त दिमाग का इस्तेमाल करता था। वरना ज़ाती जिंदगी में इस इंसान ने कभी भी दिमाग से काम नहीं लिया। 

उन्होंने हमेशा दिल से ही काम लिया। जो दिल करता था वो करते थे। जो दिल कहता था वही कहते थे। दिल की ही सुनता था। इसलिए कभी कभी कंट्रोवर्सी में भी रहे। वो दिल वाला बंदा था, जो दिल की बात करता था।

परेशानियां सेहत पर नजर आई


एक बात मैंने कुछ साल से महसूस की कि वो अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखता था। शराब की ज्यादती हो गई, हाथ पर फालिश हो गया। कुछ घरेलू समस्याएं थीं जिनसे वे उबर नहीं पाए। उसका असर उनके पूरे स्वास्थ्य पर नजर आने लगा था। 

आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, उसकी शख्सियत यही थी कि वो महान कलाकार था, हरफनमौला था। ऐसे कलाकार छाप छोड़ते हैं, अमर हो जाते हैं।

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