दरअलस अभी कुछ दिन पहले ही एटीएस और एनआईए के ज्वाइंट ऑपरेशन में भोपाल और छिंदवाड़ा से हिज्ब उत तहरीर यानि एचयूटी के 11 संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद कोर्ट के द्वारा 19 मई तक के लिए रिमांड पर दे दिया गया।
वहीं इसके बाद गुरुवार को हैदराबाद से लाए गए 5 संदिग्धों को भी कोर्ट से रिमांड पर एनआईए ने लिया है। ऐेसे में अब इन लोगों से पूछताछ का दौर जारी है, जिसमें इनके द्वारा कई बड़े खुलासे किए जा रहे हैं।
सबसे बडा खुलासा
एक ओर जहां इनके द्वारा लोगों का धर्म परिवर्तन करने की बात कही गई है, वहीं इस पूरे मामले में सबसे बडा खुलासा तो ये हुआ है कि पकड़े गए इन संदिग्ध आतंकियों में से 2 लड़के कंवर्टेड मुस्लिम है। ये बात इनके द्वारा पूछताछ के दौरान कुबुली गई है।
ऐसे समझें पूरा मामला
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में गुरुवार को एनआइए व एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए राजधानी भोपाल व छिंदवाडा से कुल 11 संदिग्ध आतंकियों को पकडा था। वहीं इसी दिन हैदराबाद से भी हिज्ब-उत-तहरीर के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। हैदराबाद से गिरफ्तार इन हिज्ब-उत-तहरीर के पांच आतंकियों को भी गुरुवार को भोपाल लाया गया।
इन क्षेत्रों से पकडे गए संदिग्ध
इस पूरी कार्रवाई में राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाना इलाके के बाग उमराव दूल्हा, जवाहर कॉलोनी और बाग फरहत अफजा से 10 संदिग्ध आतंकियों की धरपकड़ की गई थी। जबकि छिंदवाड़ा में की गई कार्रवाई के दौरान 1 संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया था। वहीं इसके अलावा हैदराबाद से भी हिज्ब-उत-तहरीर के पांच आतंकियों को पकडा गया था।
वहीं इसके बाद से ही भोपाल को विशेष निगरानी के दौरान गुरुवार को एक बार फिर राजधानी से एक और संदिग्ध ऐशबाग थाना इलाके से पकडा गया। ऐसे में पिछले 4 दिनों में भोपाल से पकडे गए संदिग्धों की संख्या 11 हो गई। यानि अब मप्र से कुल 12 संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं।
ऐसे छुपाकर रखी थी अपनी असलियत
एटीएस ने मंगलवार सुबह भोपाल और छिंदवाड़ा से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। पकडे गएसंदिग्धों के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। हिज्ब-उत-तहरीर के कुल 16 सदस्यों को देशभर में गिरफ्तार किया गया, वहीं गुरुवार को भोपाल से एक और गिरफ्तारी के बाद इनकी संख्या 17 हो गई है। इनमें से अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी भोपाल से, 1 की छिंदवाड़ा से और 5 संदिग्धों की गिरफ्तारी तेलंगाना से हुई है। गिरफ्तार लोगों में इंजीनियर से लेकर टीचर तक शामिल हैं, इन्हें स्लीपर सेल के रूप में भी माना जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश पुलिस से जुड़े अफसरों के अनुसार पकड़े गए आरोपी पेशे से शिक्षक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, कोचिंग टीचर, ऑटो ड्राइवर, कम्प्यूटर टेक्नीशियन और मजदूर हैं, जो ऐसी जॉब्स के माध्यम से अपनी पहचान को छुपाते थे।