महिला थाने में रोजाना दर्जनों पीडि़त महिलाएं अपने आवेदन लेकर पहुंचती हैं, लेकिन वहां बैठक व्यवस्था ठीक नहीं होने से उन्हें परेशान होना पड़ता है। ऐसे में कुछ प्रभारी के केबिन की खिड़की की रेलिंग में अपना नंबर आने का इंतजार करती हैं, तो कुछ थाने की सीढि़यों पर बैठकर।
थाने की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर नहीं है। थाने के पीछे व बाएं तरफ की बाउंड्रीवाल टूटी हुई है। यह यातायात पुलिस थाने की ओर खुलती है। ऐसे में यह पुलिस कर्मचारी और लोगों के आने जाने का शॉर्टकर्ट बन गई है।
शौचालय में गंदगी से संक्रमण का खतरा
महिला थाने में पहुंचने वाली महिलाएं अपनी बारी के इंतजार में घंटों रहती हैं। एक महिला ने बताया कि शौचालय में गंदगी होने से वह थाने के पास स्थित सुलभ शौचालय का उपयोग करती है। एक अन्य महिला ने बताया कि मजबूरी में थाने के शौचालय में जाना पड़ता है। गौरतलब है कि थाना परिसर में छह शौचालय हैं, जिसमें से पांच अधिकारियों के केबिन में हैं।
महिला थाने में पहुंचने वाली महिलाएं अपनी बारी के इंतजार में घंटों रहती हैं। एक महिला ने बताया कि शौचालय में गंदगी होने से वह थाने के पास स्थित सुलभ शौचालय का उपयोग करती है। एक अन्य महिला ने बताया कि मजबूरी में थाने के शौचालय में जाना पड़ता है। गौरतलब है कि थाना परिसर में छह शौचालय हैं, जिसमें से पांच अधिकारियों के केबिन में हैं।
सीढिय़ों पर करना पड़ता है इंतजार
काउंसलिंग के लिए आने वाली महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। इन्हें थानों की सीढि़यों व थाना प्रभारी की खिड़की के पास बैठकर अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता है। वहीं बात सुरक्षा की करें, तो बाउंड्रीवाल पिछले एक साल से टूटी पड़ी है। यातायात पु़लिस थाने में जाने के लिए यह शॉर्टकर्ट रास्ता बन गया है।
काउंसलिंग के लिए आने वाली महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। इन्हें थानों की सीढि़यों व थाना प्रभारी की खिड़की के पास बैठकर अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता है। वहीं बात सुरक्षा की करें, तो बाउंड्रीवाल पिछले एक साल से टूटी पड़ी है। यातायात पु़लिस थाने में जाने के लिए यह शॉर्टकर्ट रास्ता बन गया है।
फरियादियों को बैठने के लिए १० कुर्सियां प्रथम तल पर रखवाई गई हैं। संख्या बढऩे पर फरियादी इधर-उधर अपनी सुविधानुसार बैठ जाती हैं। – भारतेंदु शर्मा, सीएसपी