मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलने के लिए सोनिया गांधी ने ही समय ही नहीं दिया। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी से ज्योतिरादित्य सिंधिया को शाम करीब चार बजे मिलना था। सिंधिया के समर्थक सोनिया आवास के बाहर पहुंच भी गए थे। बाताया जा रहा है कि सोनिया गांधी से मिलने वालों की सूची हर दिन सिक्यूरिटी के पास आती है। मंगलवार की सूची में कहीं भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम नहीं था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने उनसे जाकर मुलाकात की। कयास लगाए जा रहे थे कि सोनिया से मुलाकात के बाद मध्यप्रदेश में पीसीसी चीफ को लेकर खींचतान खत्म हो जाएगी। क्योंकि सिंधिया के समर्थक उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस में जबरदस्त घमासान मची हुई थी। इसकी शिकायत दिल्ली तक भी पहुंची थी। लेकिन सोनिया से ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात टल जाने के बाद फिर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर फैसला टल गया है।
नाराज हैं सोनिया गांधी?
मध्यप्रदेश कांग्रेस में जो कुछ भी चल रहा है, उससे सोनिया गांधी बेहद ही नाराज हैं। पिछले दिनों जब मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने उनसे मुलाकात की थी तो उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी पूरे प्रकरण से बेहद ही खफा है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के लोगों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनवाने के लिए खूब तिकड़मबाजी की। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण में सिंधिया का भी नाम है और इस कारण सोनिया गांधी उनसे नाराज हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में जो कुछ भी चल रहा है, उससे सोनिया गांधी बेहद ही नाराज हैं। पिछले दिनों जब मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने उनसे मुलाकात की थी तो उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी पूरे प्रकरण से बेहद ही खफा है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के लोगों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनवाने के लिए खूब तिकड़मबाजी की। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण में सिंधिया का भी नाम है और इस कारण सोनिया गांधी उनसे नाराज हैं।
सिंधिया की राह में नई मुश्किलें
अगर वाकई सोनिया गांधी नाराज हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। शायद प्रदेश अध्यक्ष पद की लालसा पाले बैठे सिंधिया को सोनिया झटका दे सकती हैं। क्योंकि सोनिया गांधी नहीं चाहती हैं कि सिंधिया को जिम्मेवारी देकर प्रदेश में कोई नया बखेड़ा खड़ा करें। इसलिए वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस में शांति का इंतजार कर रही हैं। सब कुछ शांत होने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला करेंगी। फिलहाल कमलनाथ ही इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।
अगर वाकई सोनिया गांधी नाराज हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। शायद प्रदेश अध्यक्ष पद की लालसा पाले बैठे सिंधिया को सोनिया झटका दे सकती हैं। क्योंकि सोनिया गांधी नहीं चाहती हैं कि सिंधिया को जिम्मेवारी देकर प्रदेश में कोई नया बखेड़ा खड़ा करें। इसलिए वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस में शांति का इंतजार कर रही हैं। सब कुछ शांत होने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला करेंगी। फिलहाल कमलनाथ ही इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।
दरअसल, सोनिया गांधी ने दिल्ली में 12 सितंबर को सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने सीएम कमलनाथ भी जाएंगे। अब खबर आ रही है कि मध्यप्रदेश के तीन बड़े नेताओं से सोनिया गांधी एक साथ मुलाकात करेंगी। जिसमें दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल रहेंगे। सभी को एक साथ रखकर सोनिया गांधी तमाम विवादों पर चर्चा करेंगी।