पीपीपी के हिसाब से बनेगी स्मार्ट सिटी की डीपीआर
कंसल्टेंट को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
भोपाल। केंद्र सरकार ने भले ही स्मार्ट सिटी का ऐलान नहीं किया हो, लेकिन राज्यों को अपने स्तर पर प्रमुख शहरों के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए कह दिया गया है। सरकार भोपाल और इंदौर की डीपीआर बनवाने की तैयारी में है। इसकी डीपीआर बनाने में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) फार्मूले को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रदेश में स्मार्ट सिटी के लिए भोपाल और इंदौर का दावा सबसे पुख्ता है। राज्य सरकार की तैयारी भी इसी प्रकार से है। दोनों नगर निगमों को अपने स्तर पर स्मार्ट सिटी के लिए डीपीआर बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए केंद्र से चयनित 11 कंसल्टेंट्स में से किसी एक कंपनी को चुनना होगा। इन कंसल्टेंट की जिम्मेदारी होगी कि शहर की जरूरत के हिसाब से डीपीआर को तैयार की जाए। कंसल्टेंसी का खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा।
पीपीपी फार्मूले पर फोकस
स्मार्ट सिटी बनाने में केंद्र और राज्य के बजट के अलावा दूसरे विकल्प भी रखने होंगे। इसी हिसाब से योजना बनाई जा रही है कि स्मार्ट सिटी बनाने का काम पीपीपी पर दिया जाए। पीपीपी फार्मूले में दुबई की तर्ज पर ठेका दिया जाएगा। इसमें स्मार्ट सिटी बनाने वाली कंपनी के साथ सरकार का करार हो जाएगा, जो इसके निर्माण का काम करेगी। नगर निगम डीपीआर में भी इसका प्रावधान रखने को कहेगी। इससे संसाधन जुटाने के सभी विकल्पों पर विस्तार से जानकारी रहेगी।
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