गुरुवार को मेट्रो के लिए एमपी नगर गायत्री मंदिर के पीछे सुबह 11 बजे शिलान्यास कार्यक्रम है। हालांकि सरकार ने दिलीप बिल्डकॉन को काम दिया है और बीते करीब छह माह से शहर में अलग-अलग आठ पॉकेट्स पर काम चल भी रहा है। गुरुवार से ये गायत्री मंदिर के सामने वाली रोड पर भी शुरू हो जाएगा।
अफसरों ने ऐसे रोकी मेट्रो की रफ्तार
2013 में डीपीआर का काम शुरू हुआ। विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव आ गए। 2015 में डीपीआर लगभग तैयार हो गई। 2016 को ये नगरीय प्रशासन के सुपुर्द कर दी। इसके आधार पर ही मप्र मेट्रो रेल कंपनी का गठन हुआ। 2016 से लेकर 2018 तक इस डीपीआर पर अफसर सिर्फ सरकार को जल्द काम का आश्वासन देते रहे।
स्थिति ये रही कि 2018 में फिर से चुनावी वर्ष शुरू हुआ तो आनन फानन में इसे कैबिनेट की मंजूरी दिलाई। केंद्र तक दौड़ लगाकर वहां से कुछ मंजूरियां ली गईं। लोन की प्रक्रिया शुरू की गई। कंसलटेंट तय कर निर्माण एजेंसी तय की और काम शुरू कराया। डीपीआर के अनुसार 2016-17 में पहले फेस का काम शुरू होकर 2019 में पूरा हो जाना था।
…थोड़ी हिम्मत करें तो समय पर आ जाए मेट्रो
टडीपीआर बनाने वाली एजेंसी रोहित एसोसिएट्स के रोहित गुप्ता का कहना है कि पहले फेज के साथ ही दूसरे फेज की लाइनों पर भी काम शुरू कर दिया जाए तो 2022 तक मेट्रो के दो फेस पूरे हो सकते हैं। 2025 तक शहर में 123 किमी लंबी मेट्रो पूरे शहर में सेवा दे सकती है। उनका कहना है कि हालांकि इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।
शिलान्यास कार्यक्रम से पहले ही आरोप
कार्यक्रम की बड़े स्तर पर तैयारी की है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवद्र्धनसिंह खुद बुधवार को कार्यक्रम की तैयारियां देखने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे। वहीं इस कार्यक्रम की रूपरेखा और संचालन को लेकर भाजपा के विधायक और महापौर कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। इससे यहां विरोध की स्थिति बन सकती है।