केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार जब भी एक्यूआइ लंबे समय तक 301 से अधिक होता है, तो श्वांस लेने में दिक्कत होती है। राजधानी भोपाल में वायु प्रदूषण सोमवार को दूसरी बार उच्त स्तर पर रहा। शाम को सात बजे हवा की एक बार फिर गुणवत्ता मापी गई, जिसमें एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 334 रिकार्ड हुआ है।
यह प्रदेश के सभी शहरों में सर्वाधिक है। इसके पहले 11 नवंबर 2020 को भी भोपाल की आबोहवा खराब हुई थी, तब शहर का एक्यूआइ 340 तक पहुंच गया था। शहर में कई जगह निर्माण चल रहा है। सड़कें खराब हो गई हैं. वाहनों के चलने से धूल फैलती है। पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। इनका धुआं भी सर्वाधिक जहरीला होता है, उसमें कई तरह के हानिकारक भारी कण होते हैं।
फिलहाल भोपाल में नमी का स्तर अचानक बढ़ गया, दोपहर में कुछ समय छोड़कर धूप खिली, बादल छाए रहे। इस कारण भी प्रदूषण फैलने वाले सभी कण भारी हो गए और निचली सतह पर बने हुए थे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक शहर के न्यू मार्केट क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर 449 और पीएम 2.5 का स्तर 384 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया था।
कहां कैसे स्थिति
पिछले साल भी सबसे ज्यादा थे प्रदूषित
पिछले साल मध्यप्रदेश का सिंगरौली दुनिया का 68वां और भारत का 33 वां सर्वाधिक प्रदूषित शहर घोषित हुआ था। जबकि भोपाल दुनिया का 174वां और भारत का 55 सर्वाधिक प्रदूषित शहर था। यह आंकड़े वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2019 में हुआ है। आईक्यू एयर संस्थान ने परिवेशीय हवा में मौजूद मीन और घातक धूल कण पीएम 2.5 की स्थिति के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की थी। इसके लिए दुनिया के 4500 शहरों का अध्ययन किया गया था।