मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्यारह सौ क्वार्टर और अरेरा कॉलोनी ई-7 के बीच स्थित हनुमान मंदिर अपने आप में इतिहास समेटे है। जब 1970 में चबूतरा बनाकर मंदिर की शुरुआत की गई थी, उस समय दूर-दूर तक भवन नहीं थे। दोनों ओर खेती होती थी। आसपास सड़क नहीं होने से लोग पगडंडी से आवाजाही करते थे। बारिश के दौरान पानी भरने से आना जाना तक मुश्किल होता है। इसके बाद भी लोग भगवान के दर्शनों के लिए आते थे। सिर्फ हाउसिंग बोर्ड ने 11 सौ क्वार्टर पर तीन ब्लॉक बनाए थे। 1985 में मंदिर का रिनोवेशन कर विस्तार दिया गया और अन्य मंदिर बनाए गए। तब तक अरेरा कॉलोनी ई-7 में प्लॉटिंग हो चुकी थी। 1985 के बाद निर्माण कार्य शुरू हो गया। वहीं, 1995 के बाद राम दरबार की स्थापना की गई। मंदिर श्री हनुमान मंदिर सांस्कृतिक समिति 11 सौ क्वार्टर के नाम एक समिति भी है, जो मंदिर के वर्ष भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के साथ रखरखाव की जिम्मेदारी निभाती है। यहां हर शनिवार और मंगलवार को भक्तों के लिए भंडारा होता है। मंदिर समिति के अध्यक्ष एमएल ठाकुर बताते हैं कि क्षेत्र का एक मात्र पुराना मंदिर होने इस मंदिर के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है। यहां न सिर्फ शहर से बल्कि बाहर से भी भक्त दर्शन करने आते हैं। वर्तमान में आसपास कई मंदिर बन गए हैं, लेकिन समय के साथ ही लोगों की श्रद्धा भी बढ़ी है। मंगलवार को शनिवार को तो भक्तों की दर्शनों के लिए लाइन लगती है। मंदिर वर्ष के सभी प्रमुख त्योहार उत्साह से मनाए जाते हैं।