बुधवार को इसे भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद देर रात जहरीले कचरे से भर इन सभी ट्रकों को एक साथ रवाना किया जाएगा। कचरा भरे जाने के बाद कंटेनरों को भेजने से पहले इनका वजन किया जाएगा। यहां से पीथमपुर पहुंचने पर भी वजन किया जाएगा।
भोपाल से पीथमपुर तक बनेगा कॉरिडोर
जहरीले कचरे से भरे कंटेनरों को भोपाल से पीथमपुर तक भारी सुरक्षा के बीच ले जाएगा। इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा। ये भी पढ़ें: नया नियम- 1 जनवरी से बंद हो जाएंगे 3 तरह के बैंक अकाउंट गाइडलाइन के तहत की जा रही प्रक्रिया
जहरीले कचरे को कंटेनर में भरने के दौरान बड़ी सावधानी बरती जा रही है। इसके लिए सभी जरूरी गाइडलाइन फॉलो की जा रही है। एक कंटेनर में तकरीबन 30 टन कचरा भरा जा रहा है। 200 से ज्यादा मजदूर कचरा भरने में जुटे हैं, लेकिन उनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई है।
जहां जहरीला कचरा, वहां की मिट्टी भी ले जाएंगे
जहरीला कचरा भरते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी। कहीं कचरा गिरा है तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा। इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टिंग होगी। जांचा जाएगा कि कहीं मिट्टी भी तो जहरीली नहीं हुई?
सभी रास्ते बंद किए, 200 मीटर का हिस्सा सील
बता दें कि रविवार को एक्सपर्ट की मौजूदगी में कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रोसेस शुरू हुई थी। मंगलवार देर रात तक कचरे को भरे जाने की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान कैम्पस के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया है। अंदर जाने के सभी रास्ते बंद किए गए हैं। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं।