scriptआंकड़ों के मुताबिक तीन हजार से ज्यादा मौते हुईं, लेकिन मौत की उस तारीख की कहानी कुछ और ही थी | bhopal gas tragedy death toll, causes, case study | Patrika News
भोपाल

आंकड़ों के मुताबिक तीन हजार से ज्यादा मौते हुईं, लेकिन मौत की उस तारीख की कहानी कुछ और ही थी

सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल गैस त्रासदी में कुल 3787 मौतें हुई थीं। लेकिन गैस कांड के अगले तीन-चार दिन में हुए अंतिम संस्कारों के आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते नजर आते हैं।

भोपालDec 02, 2022 / 11:26 am

Sanjana Kumar

bhopal_gas_tragedy_maut_ka_wo_manzar.jpg

भोपाल। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल गैस त्रासदी में कुल 3787 मौतें हुई थीं। लेकिन गैस कांड के अगले तीन-चार दिन में हुए अंतिम संस्कारों के आंकड़े कुछ और ही कहानी कहते नजर आते हैं। गैस कांड के बाद वन विभाग के डिपो से दाह संस्कारों के लिए इतनी लकडिय़ां गई थीं जिनसे पांच हजार से अधिक अंतिम संस्कार कर दिए जाएं। यह संख्या तो केवल दाह संस्कारों की है, इसके अतिरिक्त अन्य तरीकों से हुए शवों के अंतिम संस्कारों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से दोगुने से कहीं ज्यादा नजर आता है।

1984 में शहर के सबसे बड़े बोगदा पुल डिपो के इंचार्ज रहे एसके मल्ल के मुताबिक गैस त्रासदी के दूसरे दिन से अंतिम संस्कारों के लिए लकडिय़ां रवाना होना शुरू हो गई थीं। तब डिपो में 14 हजार क्विंटल से अधिक लकड़ी थी, लेकिन दो ही दिन में डिपो पूरा खाली हो गया। इसी तरह दूसरा डिपो माता मंदिर तो तीसरा 1464 डिपो था। इन दोनों डिपो में थी लगभग दो-दो हजार क्विंटल लकडिय़ों का स्टॉक था। अगले दो दिन में वह भी पूरी तरह खत्म हो गया। एक दाह संस्कार में सामान्य तौर पर ढाई से तीन क्विंटल लकड़ी लगती है। शहर भर डिपो से जितनी लकडिय़ां दाह संस्कारों के लिए गई उससे स्पष्ट है कि गैस कांड के बाद पांच-छह हजार से अधिक तो दाह संस्कार ही हुए होंगे, लेकिन इन मौतों की सच्चाई कभी सामने ही नहीं आ सकी।

https://youtu.be/HrJZhPQmrvk

खाली हो गए थे 70 से ज्यादा पीठे
उन दिनों शहर में लकड़ी के 70 से ज्यादा पीठे थे जो, जलावन लकड़ी की बिक्री करते थे। इन पीठों के मालिक भी दो से तीन ट्रक लकडिय़ां बेचने के लिए रखते थे। गैस कांड के बाद वह सारे डिपो भी खाली हो गए थे।

Hindi News / Bhopal / आंकड़ों के मुताबिक तीन हजार से ज्यादा मौते हुईं, लेकिन मौत की उस तारीख की कहानी कुछ और ही थी

ट्रेंडिंग वीडियो