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इस आधार पर चुने गए प्रदूषित शहर
भोपाल के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बताने का कारण यहां मौजूद पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम-10 का स्तर बीते 6 साल से प्रदेशभर में सबसे ज्यादा बना हुआ है। भोपाल के बाद प्रदेश में दूसरे स्थान पर ग्वालियर है, जिसे सूची में देश के 66वें सर्वाधिक प्रदूषित शहर बताया गया है। यहां भी पीएम-10 का स्तर लगातार बढ़ा ही रहता है।
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इसे बताया प्रदूषण बढ़ने का कारण
ग्रीनपीस इंडिया द्वारा प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण बढ़ती ट्रैफिक मोबिलिटी और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर को माना गया है। सड़कों पर वाहनों के टायर घिसने और उनके नीचे कचरा पिसने से सबसे ज्यादा PM-10 यानी डस्ट पार्टिकल बनते हैं। शहर में अनियंत्रित निर्माण गतिविधियां और कचरे का ठीक से निपटारा ना होना भी PM-10 बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण माना गया है। नए निर्माण होने के साथ साथ पुराने निर्माणों को तोड़ने में धूल नियंत्रण के उपायों की अनदेखी शहर में धूल बढ़ा रही है, जो प्रदूषण का बड़ा कारण है। ये बीते 6 सालों में शहर में सबसे तेजी से बढ़ा है। प्रदेश के अन्य 13 शहरों और कस्बों में भी अलग अलग स्तर पर इसमें बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
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प्रदेश के 14 प्रदूषित शहर, देश के प्रदूषित शहरों में जिन्हें ये रेंक मिली
MP के शहर —- देश में मिली रेंक