भोपाल बर्ड्स कंजर्वेशन सोसायटी के मोहम्मद खालिक के मुताबिक इस बार मुख्य रूप से अलेक्सेंड्रिन पैराकीट, येलो फुटेड ग्रीन पिजन बेहद कम संख्या में मिले हैं। ये शहर के आस-पास पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। स्थानीय लोग इन्हें पिंजरे में कैद कर पाल रहे हैं। आवास कम होने के कारण भी रेजिडेंशियल पक्षियों की संख्या गिरी है।
गणना के दौरान दुर्लभ पक्षी फायर कैप्ड टिट को चिन्हित किया। यह 10 सेमी के आकार का पक्षी ठंडी में हिमालय के निचले क्षेत्रों में आता है। यह 1800 मीटर से 2600 मीटर की ऊंचाई पर घोंसले बनाते हैं। राजस्थान-हरियाणा में पाए जाने वाला इंडियन थिक नी भी पहली बार यहां देखा। यह रात्रिचर पक्षी है।
भोपाल बर्ड्स द्वारा मध्य प्रदेश राज्य वेटलैंड अथॉरिटी, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं वीएनएस नेचर सेवियर्स ने मिलकर चौथे भोज वेटलैंड विंटर बर्ड काउंट 2022-23 किया। दिसंबर से अब तक 9 राज्यों के 210 प्रतिभागियों ने वॉलंटियर रूप में भाग लिया।