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भोपाल

ठेका लेने लगाए फर्जी सर्टिफिकेट भेल प्रबंधन ने किया ब्लैक लिस्ट

लंबे अर्से से चल रहा था फर्जीवाड़ा

भोपालNov 09, 2019 / 09:21 am

Mukesh Vishwakarma

ठेका लेने लगाए फर्जी सर्टिफिकेट भेल प्रबंधन ने किया ब्लैक लिस्ट

ठेका लेने लगाए फर्जी सर्टिफिकेट भेल प्रबंधन ने किया ब्लैक लिस्ट

भोपाल/भेल. बीएचईएल भोपाल में लम्बे अर्से से चल रहे फर्जीवाड़े का बीते दिनों खुलासा होने पर भेल कॉर्पोरेट कार्यालय नई दिल्ली ने कार्रवाई करते हुए संबंधित फर्म और उसके मालिक को भेल के समस्त यूनिटों में ठेका लेने के लिए प्रतिबंधित किया है। इसका खुलासा भेल कार्पोरेट कार्यालय नई दिल्ली द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक सर्कुलर से हुआ है।

गौरतलब है कि भेल कारखाने में एम-160 गौतम नगर स्थित कोणार्क इंजीरियरिंग कॉर्पोरेशन और उसके प्रोप्राइटर शिरीष सक्सेना द्वारा भेल कारखाने सहित भेल टाउनशिप क्षेत्र में वातानुकूलित संबंधित सभी उपकरणों की सप्लाई, और उनकी देखरेख व सुधार कार्य किया जा रहा था।

इस संस्था ने फर्जी/डाक्यूमेंट लगाकर भेल से ऑर्डर प्राप्त किया था। हाल ही में धोखाधड़ी और फर्जी सर्टिफिकेट मामले में पकड़े जाने पर भेल कॉर्पोरेट कार्यालय दिल्ली ने देश भर में मौजूद भेल की सभी इकाइयों में तत्काल प्रभाव से ब्लैक लिस्ट करते हुए तीन साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

यह ऑर्डर किए निरस्त

1. एसी पैनल का अनुरक्षण
2. वार्षिक अनुरक्षण एचवीएसी प्लॉट
3. 290 टन पॉवर प्लॉट की शिफ्टिंग एवं स्विच गेयर में कंट्रोल पैनल की असेम्बली

 

भेल ने दिया था स्पष्टीकरण देने का मौका

भेल कॉर्पोरेट कार्यालय ने व्यक्तिगत रूप से कोणार्क इंजीरियरिंग कॉर्पोरेशन के प्रोप्राइटर शिरीष सक्सेना को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का मौका दिया था, जिसमें वे पूरी तरह असफल रहे। भेल भोपाल के इतिहास में अब तक का यह दूसरा मामला है, जिसमें कॉर्पोरेट कार्यालय से ठेकेदार प्रतिबंधित किया गया है। बता दें कि इससे पहले करीब चार साल पहले एक मामला आया था, जिसमें ठेकेदार टै्रक्टर-ट्राली में कॉपर चोरी करते हुए पकड़ा गया था, जिसके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई थी।

नॉन टेक्निकल व्यक्ति को दिया टेक्निकल कार्यों का ठेका

फर्जीवाड़े के मामले में पकड़े जाने पर भेल कॉर्पोरेट कार्यालय ने कोणार्क इंजीरियरिंग कॉर्पोरेशन को दिए गए सभी हाई वैल्यू ऑर्डर निरस्त कर दिए हैं। यह ऑर्डर उन्हें वर्ष 2018 में दिया गया था, जिसमें फर्जी और झूठे एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट लगाए गए थे। सूत्रों की माने तो शिरीष सक्सेना नॉन टेक्निकल व्यक्ति हैं, इसके बाद भी इन्हें भेल द्वारा टेक्निकल कार्यों का ठेका दिया जाता रहा है। यह जांच का विषय है कि ऐसे फर्जी फर्म भेल कारखाने में कैसे और किसके संरक्षण में काम कर रहे थे।

कोणार्क इंजीरियरिंग कॉर्पोरेशन का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है। भेल कॉर्पोरेट कार्यालय ने संस्था और उसके प्रोप्राइटर को तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया है। – शरीफ खान, पीआरओ भेल

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