स्टेट फारेंसिंक रिसर्च इंस्टीट्यूट (sfri) ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को बारहसिंगा की बसाहट के लिए उपयुक्त बताया था। 16 मार्च 2023 को ही राज्य सरकार की ओर से कान्हा से 50 बारहसिंगों को बांधवगढ़ शिफ्ट करने की परमिशन मिली थी। लगातार बारह सिंगों का कुनबा बढ़ता रहा तो जल्द ही मध्यप्रदेश बारहसिंगा स्टेट भी बन सकता है।
कान्हा टायगर रिजर्व अंतर्गत कान्हा, सरही एवं मुक्की परिक्षेत्रों में बारहसिंगा बाड़े से 19 बारहसिंगा को बांधवगढ़ टाइगर रिवर्ज भेजा गया है। जिसमें 11 नर एवं 8 मादा बारहसिंगा शामिल है। क्षेत्र संचालक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सभी बारासिंघा को केप्चर कर बांधवगढ़ टायगर रिजर्व विशेष रूप से निर्मित ट्रक से रवाना किया गया है।
क्षेत्र संचालक ने बताया कि राज्य पशु बारहसिंगा के बांधवगढ़ टायगर रिजर्व में ट्रांसलोकेशन के लिए भारत सरकार एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश द्वारा अनुमति दी गई थी। प्रदेश में इनकी संख्या बढ़ाने के उद्वेश्य से पिछले कुछ वर्षों में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में 7 एवं सतपुड़ा टायगर रिजर्व में 98 मध्य भारतीय हार्ड ग्राउण्ड बारहसिंगा को सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया जा चुका है। कान्हा में सत्तर के दशक में मातृ 66 बचे थे लेकिन कान्हा प्रबंधन द्वारा बेहतर संरक्षण के चलते अब कान्हा में इनकी संख्या लगभग 1100 तक हो गई है।
बारहसिंगा को केप्चर करने की पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व क्षेत्र संचालक ने किया। इसी के साथ इस केप्चर आपरेशन में पुनित गोयल भावसे, उप संचालक, डॉ संदीप अग्रवाल वन्यप्राणी चिकित्सक, संजीव शर्मा पार्क अधीक्षक, संजय रायखेड़े सहायक संचालक, मुकेश जामोर सहायक संचालक कान्हा टायगर रिजर्व एवं सुधीर कुमार मिश्रा सहायक संचालक, बांधवगढ़ टायगर रिजर्व उमरिया तथा कान्हा एवं बांधवगढ़ टायगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे।