चुटकी बजाते ही दूर हो जाएगा सिरदर्द, आजमाएं ये आसान घरेलू नुस्खे
दो प्रकार का होता है थायराइड
थायराइड दो तरह का होता है। पहला थायरोक्सिन हार्मोन हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) जिसकी कमी के कारण अकसर बच्चों में बौनापन और वहीं बड़ों में सबकटॅनेअस चरबी बढ़ जाती हैं। दूसरी तरह के थायराइड को हायपरथायरोडिज्म (Hyperthyroidism) में गण्डमाला हो जाता है। हालांकि, इस तरह का थायराइड अब लोगों में काफी कम ही देखा जा रहा है।
खाने में करें ये जरूरी बदलाव, दिल बना रहेगा हमेशा हेल्दी
इसलिए होता है थायराइड
थायरोक्सिन की निष्क्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो सकता हैं। आयोडीन की कमी के चलते थकान, सुस्ती होने लगती है। ये शरीर में मौजूद होर्मोंस के असंतुलन के कारण होता है। इन समस्याओं के शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लेते हुए इसका इलाज कर लिया जाए, तो ठीक है। वरना ये समस्या बढ़ कर गंभीर मायक्झोएडेमा पैदा कर सकता है। इसमें स्किन और ऊतकों में सूजन की शिकायत हो सकती है, जो धीरे धीरे एक गंभीर रूप धारण कर लेती है।
क्या आप भी हैं बार-बार होने वाली घबराहट से परेशान? इस तरह पाएं राहत
अश्वगंधा से करें थायराइड का इलाज
आयुर्वेद में आज हर गंभीर से गंभीर समस्या और बीमारी का इलाज है। लगभग हर बीमारी और समस्या का इलाज आयुर्वेदिक में उपलब्ध है। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. आयुष्मान गुप्ता ने बताया कि, आयुर्वेद में थायराइड का बेहतर इलाज है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि, थायराइड के उपचार के लिए अश्वगंधा एक बेहद ही कारगर औषधि माना गया है। अश्वगंधा को आप दोनों ही तरह के थायराइड में इस्तेमाल कर सकते हैं।
90% लोग डिप्रेशन के कारण कर लेते हैं सुसाइड, जानिए इससे बचाव के खास तरीके
अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा एक प्राकृतिक और शक्तिवर्धक औषधि है, जिसके नियमित इस्तेमाल से गंभीर से गंभीर स्तर की थाइरॉइड पर नियंत्रण पा सकते हैं। अश्वगंधा का फल ही नहीं आप इसकी पत्तियां (कोपल) या जड़ को ही उबालकर पी सकते हैं। यही नहीं अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है, जिसे चिकित्सक कैंसर का भी रामबाड़ उपचार मानते हैं।
तेजी से वज़न घटाती है छोटी सी इलायची, बस इस तरह करना होता है इस्तेमाल
इस तरह अश्वगंधा से करें थायराइड का उपचार
डॉ. आयुष्मान गुप्ता ने बताया कि, थायराइड की समस्या से निजात पाने के लिए आपको करीब 200 से 1100 मिलीग्राम अश्वगंधा चूर्ण लेकर उसे काली चाय या गर्म पानी में मिलाकर इस्तेमाल गुनगुना पिया जाता है। आप चाहें तो इसमें तुलसी के पत्ते भी मिला लें, इससे आपके शरीर को पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट्स भी मिल सकते हैं। वही, हायपोथायरायडिज्म का इलाज भी अश्वगंधा से ही किया जा सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल का तरीका कुछ अलग होगा। इसके लिए आपको महायोगराज गुग्गुलु और अश्वगंधा को एक साथ इस्तेमाल करें। कुछ ही दिनों में इसके फायदे आपके सामने होंगे।
पथरी को शरीर से निकाल फेंकते हैं ये फूड, महंगा इलाज छोड़िये कीजिए ये घरेलू उपचार
अश्वगंधा के अन्य फायदे
-अश्वगंधा का नियमित इस्तेमाल 40 से 50 साल की उम्र में भी व्यक्ति को ऊर्जावान बना सकता है।
-अश्वगंधा के नियमित सेवन से उम्र का एक पड़ाव पार करने वाले व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
-अश्वगंधा शरीर के हार्मोन इंबैलेंस को संतुलित रखने में मददगार होता है। टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन हार्मोन को बढ़ाने में अश्वगंधा काफी मददगार साबित हुआ है।
नोटः ये लेख सामान्य जानकारी के लिए है। इसलिए पत्रिका इस लेख में दिए गए फेक्ट्स की पुष्टी नहीं करता।