भोपाल. मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार ( kamal nath government ) अब अपने कामकाज का आकलन एक सर्वे ( survey ) के जरिए करेगी। जिसमें आमलोगों से 30 सवाल पूछे जाएंगे। इन सवालों का जवाब देने में भी लगभग 30 मिनट लगेंगे। आईआईटी खड़गपुर ने फॉर्म तैयार किया है जिसके जरिए प्रदेश के लोगों से शासन और प्रशासन के कामकाज के बारे में पूछा जाएगा। सर्वे के जरिए पूछा जाएगा कि आप सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के कार्य एवं व्यवहार से कितने संतुष्ट हैं।
11 पन्नों के इस फॉर्म में करीब 30 सवाल हैं। सरकार के कामकाज के साथ ही इसके पुलिस के कार्य व्यवहार, स्थानीय प्रशासन पंचायत और नगरीय निकाय के कामकाज से संतुष्टि भी जानी जाएगी। सरकारी योजनाओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में भी लोगों की राय जानी जाएगी। इतना ही नहीं सर्वे करने वाले लोग आम जनता से स्वास्थ्य,शिक्षा, कृषि, स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी जानेंगे।
इन विषयों से संबंधित होंगे सवाल
इस फॉर्म में 17 क्षेत्रों से संबंधित सवाल होंगे। जिसमें सरकार के कामकाज से लेकर आपकी निजी जिंदगी से जुड़ें भी कुछ सवाल होंगे। जिसमें व्यक्तिगत सकुशलता सूचकांक, संबंध, शासन एवं प्रशासन, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा बोध, आय, अधोसरंचना, परिवहन, सामाजिक समावेशिता, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन, समय का उपयोग, जीवन में सार्थकत, लैंगिक समानता, स्वंय के जीवन में संतुष्टि और सकारात्मक-नकारात्मक भावनाओं का पैमाना।
इस फॉर्म में 17 क्षेत्रों से संबंधित सवाल होंगे। जिसमें सरकार के कामकाज से लेकर आपकी निजी जिंदगी से जुड़ें भी कुछ सवाल होंगे। जिसमें व्यक्तिगत सकुशलता सूचकांक, संबंध, शासन एवं प्रशासन, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा बोध, आय, अधोसरंचना, परिवहन, सामाजिक समावेशिता, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन, समय का उपयोग, जीवन में सार्थकत, लैंगिक समानता, स्वंय के जीवन में संतुष्टि और सकारात्मक-नकारात्मक भावनाओं का पैमाना।
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प्रदेश सरकार का राज्य आनंद संस्थान ये सर्वे करेगा। इस सर्वे के तहत हर जिले के दो ब्लॉक, हर ब्लॉक के चार गांव और हर गांव के 50 से 100 लोगों से ये सर्वे फॉर्म भरवाया जाएगा। सितंबर से सर्वे का ये काम शुरु होगा जो मार्च 2020 तक चलेगा। मार्च में ही इस सर्वे की रिपोर्ट आएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार अपने कामकाज में बदलाव करेगी और जिन योजनाओं का लाभ जनता को कम मिल रहा है, उनकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। बदलाव के सकारात्मक परिणाम देखने के लिए एक साल बाद फिर दूसरा सर्वे कराया जाएगा।
प्रदेश सरकार का राज्य आनंद संस्थान ये सर्वे करेगा। इस सर्वे के तहत हर जिले के दो ब्लॉक, हर ब्लॉक के चार गांव और हर गांव के 50 से 100 लोगों से ये सर्वे फॉर्म भरवाया जाएगा। सितंबर से सर्वे का ये काम शुरु होगा जो मार्च 2020 तक चलेगा। मार्च में ही इस सर्वे की रिपोर्ट आएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार अपने कामकाज में बदलाव करेगी और जिन योजनाओं का लाभ जनता को कम मिल रहा है, उनकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। बदलाव के सकारात्मक परिणाम देखने के लिए एक साल बाद फिर दूसरा सर्वे कराया जाएगा।
इसी से तय होगा हैप्पीनेस का इंडेक्स
ये सर्वे लोगों के आनंद का स्तर यानी हैप्पीनेस इंडेक्स पता करने के लिए किया जा रहा है। पिछली भाजपा सरकार के समय इस सर्वे की कवायद शुरु हुई थी लेकिन अब नई सरकार नए सिरे से इस काम को करा रही है। इस सर्वे के माध्यम से ये जाना जाएगा कि आखिर लोगों के आनंद का पैमाना क्या है और उनके आनंद की वजह किस तरह की हैं। वे अपने जीवन से कितने संतुष्ट हैं और सरकार से उनकी उम्मीदें क्या हैं।
ये सर्वे लोगों के आनंद का स्तर यानी हैप्पीनेस इंडेक्स पता करने के लिए किया जा रहा है। पिछली भाजपा सरकार के समय इस सर्वे की कवायद शुरु हुई थी लेकिन अब नई सरकार नए सिरे से इस काम को करा रही है। इस सर्वे के माध्यम से ये जाना जाएगा कि आखिर लोगों के आनंद का पैमाना क्या है और उनके आनंद की वजह किस तरह की हैं। वे अपने जीवन से कितने संतुष्ट हैं और सरकार से उनकी उम्मीदें क्या हैं।
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1. आप अपने जीवन स्तर, उपलब्धियों, शिक्षा,स्वास्थ्य,परिवार और पड़ोसियों से कितने संतुष्ट हैं।
2. मुसीबत के समय परिवार, रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी और सहकर्मियों में से कौन काम आता है।
3. आप अपने गांव, मोहल्ले या कार्यस्थल पर खुद को कितना सुरक्षित महसूस करते हैं।
4. आप अपने 24 घंटे में सबसे ज्यादा समय किस काम को देते हैं, आजीविका, सोने में, घर के कामकाज में, अपनी रुचि के कामों को, परिवार के साथ, मित्रों और रिश्तेदारों के साथ, शारीरिक व्यायाम या खेलकूद, ध्यान, योग, सोशल मीडिया, इंटरनेट, मोबाइल, टीवी, धार्मिक कार्य को।
5. आप अपने जीवन को कितना सार्थक मानते हैं। क्या आप जिस ढंग से जीवन जीना चाहते थे वैसे जी रहे हैं। आपके जीवन की परस्थितियां आदर्श हैं।
6. आपको जीवन जीने का फिर से मौका मिले तो आप अपने जीवन में क्या बदलना चाहेंगे।
7. लोगों से सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं का पैमाना भी पूछा जाएगा। इस सर्वे के बाद प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स तय होगा।
1. आप अपने जीवन स्तर, उपलब्धियों, शिक्षा,स्वास्थ्य,परिवार और पड़ोसियों से कितने संतुष्ट हैं।
2. मुसीबत के समय परिवार, रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसी और सहकर्मियों में से कौन काम आता है।
3. आप अपने गांव, मोहल्ले या कार्यस्थल पर खुद को कितना सुरक्षित महसूस करते हैं।
4. आप अपने 24 घंटे में सबसे ज्यादा समय किस काम को देते हैं, आजीविका, सोने में, घर के कामकाज में, अपनी रुचि के कामों को, परिवार के साथ, मित्रों और रिश्तेदारों के साथ, शारीरिक व्यायाम या खेलकूद, ध्यान, योग, सोशल मीडिया, इंटरनेट, मोबाइल, टीवी, धार्मिक कार्य को।
5. आप अपने जीवन को कितना सार्थक मानते हैं। क्या आप जिस ढंग से जीवन जीना चाहते थे वैसे जी रहे हैं। आपके जीवन की परस्थितियां आदर्श हैं।
6. आपको जीवन जीने का फिर से मौका मिले तो आप अपने जीवन में क्या बदलना चाहेंगे।
7. लोगों से सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं का पैमाना भी पूछा जाएगा। इस सर्वे के बाद प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स तय होगा।
ऐसे ही कुल तीस सवाल उस फॉर्म में होंगे। जिसका जवाब में उसी में लिखा होगा। आपका जो भी जवाब होगा वो फॉर्म में सर्वेयर के सामने भर देंगे। खुशहाली बढ़ाने का प्रयास
सरकार लोगों के जीवन में आनंद का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपनी ओर से प्रयास करेगी। ताजा रिपोर्ट में ये सामने आया है कि हैप्पीनेस के मामले में भारत बहुत पीछे है। 156 देशों में भारत का स्थान 140वें स्थान पर है। भारत से आगे पाकिस्तान और बंग्लादेश जैसे देश हैं। इस रिपोर्ट में फिनलैंड को सबसे उपर दिखाया गया है।
सरकार लोगों के जीवन में आनंद का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपनी ओर से प्रयास करेगी। ताजा रिपोर्ट में ये सामने आया है कि हैप्पीनेस के मामले में भारत बहुत पीछे है। 156 देशों में भारत का स्थान 140वें स्थान पर है। भारत से आगे पाकिस्तान और बंग्लादेश जैसे देश हैं। इस रिपोर्ट में फिनलैंड को सबसे उपर दिखाया गया है।
इसे भी पढ़ें: बंद कमरे में हुई बात के बाद सीएम के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने नापसंद को किया ‘पसंद’! वहीं, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अनर्गल ने कहा कि आनंद संस्थान प्रदेश में नए सिरे से सर्वे करने जा रहा है जिससे लेागों के आनंद का पैमाना जाना जा सके। इस सर्वे के जरिए सरकार की योजनाओं और कामकाज का आकलन भी किया जाएगा।