दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य विभाग मानसिक मरीजों के लिए मेंटल हेल्थ असेसमेंट ऐप (Mental Health Assessment APP) तैयार कर रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल के अंत तक लोग APP को मोबाइल में डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद मनोचिकित्सक के पास जाने में झिझक महसूस करने वाले लोग भी घर बैठे अपनी मानसिक स्थिति जांच सकेंगे। साथ ही उसके लिए जरूरी काउंसलिंग व इलाज भी APP की मदद से ही फोन पर ही ले सकेंगे। इससे खुदकुशी के मामले, तनाव, एंग्जाएटी, नींद न आना व ज्यादा आना, चिड़चिड़ापन, अधिक चिंता, घरेलू हिंसा, जैसी समस्याएं कम की जा सकेंगी।
सवाल-जवाब के आधार पर पता करेगा मेंटल कंडिशन
APP पर कुछ सवालों के जवाब देने होंगे। जिनके आधार पर APP AI की मदद से एक स्कोर तैयार करेगा। यदि स्कोर निर्धारित मापदंड से कम होगा तो व्यक्ति को मानसिक समस्या से पीड़ित माना जाएगा। जिसके बाद अगले स्टेप में मरीज के पास दो विकल्प होंगे। वह मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन में काउंसलर से संपर्क करें या जिला अस्पतालों में बनाए गए मन कक्ष में जाकर इलाज कराएं। एनएचएम के उप संचालक डॉ. शरद तिवारी ने बताया कि APP अभी प्रोसेस में है।
AIIMS भोपाल डिप्रेशन की श्रेष्ठ उपचार विधि पर कर रहा काम
स्वास्थ्य विभाग की ही तरह AIIMS भोपाल भी मानसिक रोगियों के लिए अनूठी पहल करने जा रहा है। AIIMS ने AI के जरिए एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम विकसित किया जा रहा है। जिससे हर मरीज के लिए डिप्रेशन की श्रेष्ठ उपचार विधि की भविष्यवाणी की जाएगी। इसके लिए पहले एक शोध किया जाएगा। जिसमें मरीजों के रक्त के नमूनों का जीनोम विश्लेषण भी शामिल होगा।
मेंटल हेल्थ असेसमेंट ऐप (Mental Health Assessment APP) को लेकर काम चल रहा है। जिससे मानसिक बीमारियों की जल्दी पहचान हो सकेगी। इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोग इसे डाउनलोड कर उपचार ले सकेंगे।
– डा. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र
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