दरअसल अशोकनगर निवासी एक विवाहिता ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। वह पति को इलाज कराने के बहाने भोपाल लेकर गई। लेकिन भोपाल पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते में पत्थर से उसका सिर कुचल दिया। फिर प्रेमी के साथ तीर्थ यात्रा पर निकल गई। साढ़े चार महीने बाद घर वालों को मौत का पता चला, तो इस बेरहम पत्नी ने एक्सीडेंट से मौत की मनगढ़ंत कहानी गढ़ दी। तो कभी Heart Attack से मौत का बहाना बना दिया।
पुलिस में शिकायत पर हुए कई खुलासे
लेकिन जब परिजनों को संदेह हुआ तो वे एसपी ऑफिस पहुंचे। यहां उन्होंने बहू और उसके प्रेमी पर बेटे की हत्या का शक जताते हुए शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की।
यहां पढ़ें पूरा मामला
18 जुलाई को कुछ लोग अशोकनगर के रहने वाले विनीत जैन के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे। यहां विनीत ने पुलिस को बताया कि उन्हें संदेह है कि भाई सौरभ जैन (35) की हत्या उसकी पत्नी ऋचा (27) और प्रेमी दीपेश भार्गव (25) ने कर दी है। सौरभ पिछले साढ़े चार महीने से लापता है। मामले में पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। वहीं संदेह के आधार पर पत्नी ऋचा और उसके प्रेमी दीपेश को गंजबासौदा से हिरासत में ले लिया। कोतवाली थाना लाकर दोनों से पूछताछ की गई, तो दोनों ने सौरभ की हत्या करना स्वीकार कर लिया।
पहले पुलिस को भी सुनाई मनगढ़ंत कहानी
कोतवाली थाना प्रभारी नरेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने बालाजी धाम कॉलोनी में सौरभ को धारदार हथियार से मार डाला था। फिर छत पर बॉडी जला दी। पुलिस बालाजी धाम कॉलोनी के उस मकान में पहुंची, तो वहां पुलिस को एक कमरे में खून के निशान मिले। लेकिन छत पर जलने के कोई निशान नहीं मिले। आरोपियों से दोबारा पूछताछ की गई। इस बार पत्नी ऋचा ने बताया कि पहले शव के टुकड़े किए और फिर एक-एक कर छत पर टिन का चादर रखकर उन टुकड़ों को जलाते गए। लेकिन इस बार भी पुलिस को इस तरह से वारदात को अंजाम देने के कोई सुबूत नहीं मिले। जांच करती हुई पुलिस अब उस दुकान पर पहुंच गई, जहां से दोनों आरोपियों ने धारदार हथियार खरीदने की जानकारी दी थी। दुकानदार ने दोनों को देखते ही पहचान लिया।
एक बार फिर सुनाई मनगढ़ंत कहानी
पुलिस ने एक बार फिर दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू की। इस बार उन्होंने बताया उन्होंने उसे जला दिया और उसकी राख कर्बला में फेंक दी। पुलिस ने एक बार फिर मामले की जांच की, लेकिन इस बार भी पुलिस को कर्बला से कुछ नहीं मिला, तब पता चला कि आरोपी लगातार मनगढ़ंत कहानी सुनाकर पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों से फिर पूछताछ शुरू की। इस बार आरोपियों ने बताया कि तुलसी सरोवर तालाब में शव फेंका था। बाद में कहा कि नदी में फेंक दिया था। लेकिन पुलिस को इन दोनों ही जगहों से कोई सुराग नहीं मिला। बार-बार गुमराह होती पुलिस ने महिला के बेटे से पूछताछ की। बेटे ने बताया कि मामा (महिला का प्रेमी दीपेश) ने हमसे एक शव का अंतिम संस्कार करवाया। बेटे ने यह भी बताया कि मामा ने उससे कहा कि यह तुम्हारे पिता हैं, उनकी एक हादसे में मौत हो चुकी है।
मनगढ़ंत कहानियों से गुमराह
पुलिस को यहां मिला सुराग कोतवाली थाना प्रभारी नरेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक सौरभ की पत्नी ऋचा और उसका प्रेमी दीपेश लगातार पुलिस को गुमराह कर रहे थे। इसलिए उनकी कहानी पर विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने अशोक नगर जिले के अलावा विदिशा, सागर, गुना, निवाड़ी, शिवपुरी और छतरपुर की पुलिस से अज्ञात शवों की जानकारी मांगी। इस जानकारी के तहत पुलिस ने 21 फरवरी से लेकर 23 मार्च तक अज्ञात शवों की लिस्ट मांगी। मामले में शमशाबाद पुलिस ने जानकारी दी कि 23 फरवरी को किसी युवक का शव मिला था। परिजनों ने फोटो देखते ही शिनाख्त की कि यह शव उनके बेटे सौरभ का ही है।
अब उगला सच
शव की शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों से एक बार फिर सख्ती से पूछताछ शुरू की। सख्ती के बाद दोनों ने जो सच उगला वो चौंकाने वाला था। सौरभ की पत्नी ऋचा ने बताया कि फरवरी के महीने में प्रेमी दीपेश के साथ मिलकर उसने पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। वो लोग मौका तलाश ही रहे थे कि तभी सौरभ के हाथ में चोट लग गई। 21 फरवरी को उसने एक गाड़ी किराए पर ली और पति को इलाज का झांसा देकर भोपाल के लिए निकल पड़े। अभी वे लोग विदिशा जिले के शमशाबाद स्थित कोलुआ गांव तक पहुंचे ही थे कि दोनों ने ड्राइवर से गाड़ी रोकने लिए कहा और ड्राइवर को कह दिया कि वे दूसरी गाड़ी से भोपाल जाएंगे।
यहां कार से उतरने के बाद दोनों सौरभ को एक खंती के पास ले गए। वहां पत्नी और उसके प्रेमी ने उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद चेहरे पर पत्थर पटक दिया। जब तड़पते हुए सौरभ ने दम तोड़ दिया, तो दोनों ने सिरोंज से 25 हजार रुपए में गाड़ी किराए पर ली और भोपाल तक गए। फिर तीर्थ यात्रा पर निकल गए। वे उज्जैन, अयोध्या, प्रयागराज, खाटू श्याम, भोपाल और इंदौर तक घूमते रहे। बाद में सिरोंज जाकर रहने लगे। कुछ समय बाद ऋचा के माता-पिता भी वहीं जाकर साथ रहने लगे।
पड़ोस में रहने वाली टीचर की बात से हुआ संदेह
हैरानी की बात यह है कि यह मामला साढ़े चार महीने तक सामने नहीं आ सका। किसी को भनक तक नहीं लगी कि कुछ हुआ भी है या नहीं? 10 जुलाई को ऋचा अपने बेटे की टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) निकलवाने के बहाने अशोक नगर के सेंट थॉमस स्कूल पहुंची। यहां उसने बताया कि उसके पति की मौत हो गई है। अब वे लोग कहीं और रह रहे हैं, इसलिए बच्चे की टीसी की जरूरत है। यहां स्कूल प्रबंधन ने ऋचा को अगले दिन आने की बात कही। इसी स्कूल की एक और टीचर जो सौरभ की पड़ोसी थी, जब उसने यह बात सुनी तो वह सौरभ के घर पहुंची। यहां टीचर ने उसकी मां को पूरी बात बताई। अगले दिन जब ऋचा स्कूल पहुंची, तो सौरभ का भाई विनीत भी स्कूल पहुंच गया। उसने भाभी ऋचा से पूछा कि भाई की मौत कैसे हुई, तो वह बहाने बनाने लगी। इसके बाद विनीत ने थाने पहुंचकर पुलिस को मामले की जानकारी दी।
प्रेमी के लिए छोड़ दिया 9 साल का साथ
अशोकनगर के शंकरपुर मगरदा पर रहने वाले सौरभ जैन पिता वीरेंद्र की शादी 7 जून 2013 को अशोकनगर की ऋचा जैन से हुई थी। सौरभ के भाई विनीत जैन ने बताया कि 9 साल तक पति-पत्नी घर पर ही हंसी-खुशी रहे। दोनों को एक बेटा भी है। 2020 में कोरोना लॉकडाउन के समय ऋचा की दोस्ती फेसबुक पर विदिशा के भटोली के दीपेश भार्गव से हो गई। 31 मार्च 2022 को ऋचा और दीपेश भार्गव घर से भाग गए। दो महीने तक दोनों बाहर रहे। इसी दौरान ऋचा ने उसके पति सौरभ को फोन कर कहा कि दीपेश तुम्हारे बेटे को ठीक से नहीं रखता है। वह वापस अपने घर आना चाहती है। इसके बाद सौरभ पत्नी को साथ रखने के लिए तैयार हो गया था। लेकिन उसे क्या पता था कि जिसे वह अर्धांगिनि समझकर फिर से अपना रहा है, वही उसका काल बनकर उसकी जिंदगी उससे छीन लेगी।