मध्यप्रदेश के दल भी देंगे नृत्य प्रस्तुति
कर्नाटक की यक्षगान शैली, झारखंड का खरसवा छाऊ, हरियाणा का डेरू जंगम, तेलंगाना का पेरिनी शिवतांडव, पश्चिम बंगाल का मृदंग-खोल वादन जैसी प्रस्तुतियां होंगी। वहीं, कर्नाटक का ढोलूकुनीता नृत्य, तेलंगाना का ओग्गूडोलू, शिव तांडव और शिव बारात नृत्य, आंध्र प्रदेश का गुरवय्यालु नृत्य, उत्तरप्रदेश का श्मसान होली व अघोरी और डमरू वादन नृत्य होगा। वहीं, बंगाल का पुरलिया छाऊ और सिक्किम का छम नृत्य जैसी प्रस्तुतियां होंगी। इसके केरल कथकली, तैयम, उत्तराखंड का हिल जात्रा, अरुणाचल प्रदेश का मोनपा, मध्यप्रदेश की भरतनाट्यम और मोहिनीअट्टम और सिक्किम का सिंघी छम नृत्य जैसी प्रस्तुतियां होंगी।
संगीत की स्वर लहरियों से भक्तिमय होगा माहौल
सीएम जब मूर्ति स्थल की ओर जाएंगे, मंच के दोनों ओर 150 कलाकार नृत्य प्रस्तुति देते नजर आाएंगे। इसके बाद शंकर संगीत की सभा सजेगी, देश के ख्यात शास्त्रीय गायक अपनी वाणी से माहौल में भक्ति रस की धारा बहाएंगे। सभी कलाकार 25-25 मिनट की प्रस्तुति देंगे, अंत में करीब 10 मिनट की समवेत प्रस्तुति होगी। इस मौके पर संजीव अभ्यंकर, माम्बलम बहनें, जयतीर्थ मेवुण्डी, सुधा रघुरामन की प्रस्तुतियां होंगी।