मध्यप्रदेश के सात लाख कर्मचारियों में एक बार फिर केंद्रीय कर्मचारियों से पिछड़ने में नाराजगी है। कर्मचारियों का कहना है कि आज ही शिवराज सरकार को भी अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी करना चाहिए। वो भी केंद्रीय तिथि और केंद्रीय दर से लागू करना चाहिए। इधर, केंद्र सरकार के फैसले के तत्काल बाद राजस्थान सरकार ने भी अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। इसे लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि एमपी में भी सरकार तत्काल महंगाई भत्ता बढ़ाए, जिससे आने वाले त्योहार दशहरा और दीपावली हंसी-खुशी के साथ मन सके।
केंद्र सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ा दिया था। यह 1 जनवरी 2022 से लागू किया गया है। हाल ही में मार्च में सरकार ने DA में 3% की बढ़ोतरी की थी, यानी इसे 31% से बढ़ाकर 34% कर दिया गया था। अब 4 फीसदी बढ़ने के बाद यह 38 फीसदी हो जाएगा। इस फैसले से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को बड़ा तोहफा मिला है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2022 से लागू किया गया है। इससे सरकार पर केंद्र सरकार को सालाना 12,852.56 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।
हमेशा पीछे रहेंगे एमपी के कर्मचारी
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने सरकार से मांग की है कि मध्यप्रदेश में भी चार फीसदी महंगाई भत्ता तत्काल लागू कर देना चाहिए। तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय दर एवं केंद्रीय तिथि से ही महंगाई भत्ता देने की मांग की गई है। तिवारी ने मध्यप्रदेश सरकार के फैसले से राज्य के कर्मचारी हमेशा ही केंद्र से पीछे रह जाते हैं।
तिवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 31 से 34% महंगाई भत्ता देने की घोषणा सितंबर 2022 के वेतन से मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। अब केंद्र सरकार ने 4 फीसदी महंगाई भत्ता लागू कर दिया है, इसी प्रकार एमपी में भी केंद्रीय तिथि से ही यह महंगाई भत्ता भी लागू करना चाहिए। इससे राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों के दशहरा और दिवाली के त्योहार अच्छे से मन सकें।
अक्सर पैसा बचा लेती है एमपी सरकार
केंद्र सरकार के महंगाई भत्ते के बराबर मध्यप्रदेश सरकार भी महंगाई भत्ता बढ़ाने की कोशिश करती है, लेकिन वो केंद्रीय तिथि से इसे लागू नहीं करती है। यदि केंद्र सरकार 1 जनवरी से महंगाई भत्ता देती है तो राज्य सरकार इसे कई माह बाद लागू करती है। वो भी घोषणा वाले माह से लागू करती है। जबकि इसे केंद्रीय तिथि के अनुसार एरियर्स समेत देना चाहिए। इससे कर्मचारियों को तो घाटा होता ही है, सरकार कर्मचारियों के वेतन के करोड़ों रुपए की बचत कर लेती है।