दरअसल, विभाग की तमाम सख्तियों और कार्रवाइयों के बावजूद सेंटरों में ये गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। इस गड़बड़ी को रोकने के लिए विभाग अपने मुखबिर तंत्र को और मजबूत करने में जुटा हुआ है। इनाम के रूप में ये राशि देकर विभाग भ्रूण परीक्षण के मामलों में पूरी तरह अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 138 अल्ट्रा साउंड सेंटर्स पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत पंजीकृत हैं। इनकी निगरानी के लिए जिला स्तर पर समितियां बनाई गई हैं। ऐसे में अगर कोई शख्स इन सेंटरों से भ्रूणलिंग परीक्षण होने की पुष्टि कराते हैं, तो उन्हें इनाम स्वरूप दो लाख रूपए दिये जाएंगे।
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पहली किस्त में मिलेंगे 1.25 लाख
सूचना का सत्यापन करने के बादख सोनोग्राफी सेंटर की जांच कर पंचनामा बनाने, जप्ती और सेंटर का पंजीयन निरस्त करने के बाद न्यायालयीन कार्रवाई शुरू होने पर इनाम की पहली किस्त 1.25 लाख रुपए के रूप में दी जाएगी। इसमें 50 हजार मुखबिर को , 25 हजार रूपए पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी को और 50 हजार रूपए अभियोजन अधिकारी को दिए जाएंगे।
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दूसरी किस्त में मिलेंगे 75 हजार रुपए
न्यायालय में आरोप सिद्ध होने पर मुखबिर को इनाम की राशि के और 30 हजार, पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी को 15 हजार और अभियोजन अधिकारी को 30 हजार रुपए दिए जाएंगे।
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