बता दें कि, ग्वालियर जिले में चंबल से पानी लाने की योजना के लिए 325 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। यही नहीं, खंडवा के लिए 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जबकि रतलाम में पेयजल योजना के लिए 100 करोड़ पर स्वीकृति मिली है। साथ ही, नर्मदा जल सप्लाई के छूटे हुए इलाके में जल प्रदाय योजना की डीपीआर मिलने पर इसकी स्वीकृति दी जाएगी। ये भी बता दें कि, इस स्वीकृत राशि को सीवरेज समेत अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।
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दो विभाग करेंगे मॉनिटरिंग
अमृत मिशन के पहले चरण में सीवरेज जल निकासी के कार्यों को ठेकेदारों को सौंपा गया था। सेप्टिक टैंक की बजाए सीवरेज की आउटलाइन से ही कनेक्शन कर दिए गए थे, जिससे योजना पर सवालिया निशान खड़े होने लगे थे। ऐसे में अब इस तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए नगरीय निकाय की एजेंसी पीडीएमसी, पीआईयू के अधिकारी ही इन कार्यों की मॉनिटरिंग करेंगे।
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इन कार्यों के लिए राशि स्वीकृत
– 21 अक्टूबर 2022 को स्वीकृत हुई पानी सप्लाई की 19 योजनाओं का कार्य पूरा किया जाएगा इसके लिए 425.83 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
– 7 निकाय की परियोजनाओं के लिए 11.79 करोड़ रुपए खर्च होंगे जबकि 46 निकाय के लिए ₹994 करोड़ खर्च होने हैं।
– 76 निकाय में जल सप्लाई योजना को पूरा करने और 25 निकाय में नदी तालाब की सफाई पर 39 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। 1 साल में इसे पूरा किया जाना है।
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