इसकी खासियत यह है कि यह सस्ता है। घर के रूम वाइरिंग्स और स्विच पैनल को भी बदलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह किसी भी स्विचों में फिट हो जाता है और बेहतर रिस्पांस करता है। अब आयुष इसे कंपनी के जरिए लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
इस डिवाइस को आप अपने घर के कई कमरों में स्थापित कर सकते हैं। फिर उन्हें एक ही सिस्टम से जोड़ सकते हैं। ये सिस्टम अपना निजी नेटवर्क विकसित करता है। ताकि आप उन सभी को एक बार में और बहुत आसान तरीके से नियंत्रित कर सकें।
इस डिवाइस की बॉडी उन्होंने प्लास्टिक से बनाई है। मार्केट से लाकर अंदर चिप लगाई गई है। फिर सर्किट बनाकर प्रोग्रामिंग की है। इसके बाद डिजाइन तैयार किया है। इससे पहले भी आयुष ने कई डिवाइस बनाए थे। जैसे ब्लूटूथ से चलने वाली कार, कॉफी रोबोट और सोलर चार्जर आदि। बारहवीं क्लास के छात्र आयुष पीसीएम की स्टडी कर रहे हैं। वे भविष्य में खुद की कंपनी खोलना चाहते हैं।
आयुष ने कहा कि एक सामान्य होम ऑटोमेशन की लागत लगभग दो से तीन लाख रुपये तक होती है। इसलिए मैंने इसे खुद तैयार करने का फैसला किया है। एक साल पहले एक सस्ता बेसिक होम ऑटोमेशन सिस्टम बनाया। फिर थोड़ा और क्रिएटिविटी कर नया डिवाइस तैयार किया। जिसे हम अपने वॉयस कमांड के माध्यम रोशनी और अन्य उपकरणों को नियंत्रित कर सकते हैं।