खास बात ये है कि, प्रदेश के इन 12 नेक लोगों में से 4 सिर्फ बालाघाट जिले में है, जबकि 2 गुना और 2 लोग रीवा में हैं। इसके अलावा मंदसौर जिले में 1, बड़वानी में 1, आगर-मालवा में 1 और देवास में भी 1 व्यक्ति नेक लोगों की लिस्ट में शामिल हुए हैं।
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इतने लोगों को माना नेक व्यक्ति
आपको बता दें कि, परिवहन विभाग के पास प्रदेश भर से 17 मामले पहुंचे थे। एक पुलिसकर्मी का भी दावा था कि गंभीर रूप से घायल को अस्पताल पहुंचा कर जान बचाई, लेकिन उसे मान्य नहीं किया गया। कुल 5 मामले निरस्त किये गए, जिसके बाद कुल 12 का चयन हो गया। खास बात ये है कि, सवा साल बाद ये नाम तय हुए हैं। अफसरों ने सभी के बैंक खातों की जानकारी बुला रहे हैं, जिसमें सीधे 5-5 हजार रुपए सम्मान राशि के तौर पर जमा किये जाएंगे।
आवेदन के बाद होती है जांच
योजना में शामिल होने के लिए लोगों को पुलिस के सामने दावा करना पड़ता है। यहां से गुड सेमेरिटन और जिला अप्रेजल कमेटी को मामला जाता है। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी में एसपी, सीएमएचओ व जिला परिवहन अधिकारी सदस्य हैं। इंदौर में ट्रैफिक पुलिस के पास 4-5 दावे हुए थे पर अफसरों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ाया। कलेक्टर व आरटीओ को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
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पांच लाख मिले, जल्द जमा होगी राशि
मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्त संजय झा का कहना है कि, सड़क परिवहन मंत्रालय से 5 लाख रुपए मिल गए हैं। 12 लोगों का चयन योजना में हो गया है, जल्द उन्हें राशि जारी कर इनाम दिया जाएगा। योजना का उद्देश्य लोगों को घायलों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
लोग झिझके नहीं, इसलिए यह सम्मान
हत्या से कई गुना ज्यादा रोड एक्सीडेेट में मौतें होती हैं। कई मामलों में इलाज में देरी भी मौत का कारण बनती है। लोग पुलिस के सवाल व झंझट से बचने के लिए घायल को अस्पताल नहीं पहुंचाते। पुलिस के झंझट से बचाने तथा तत्काल इलाज मिलने से मृत्युदर में कमी के उद्देश्य से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) स्कीम लागू की है। यह योजना प्रदेश में 15 अक्टूबर 2021 को लागू हुई, लेकिन किसी को इनाम नहीं मिला। अब 12 लोग लंबी जांच के बाद चयनित हुए हैं।