परिवर्तित बजट में टोल को टोल टेन्योर के आधार पर शिफ्ट करने की घोषणा हुई है। रिडकोर के अनुसार टोल का टेन्योर 2042 तक है। इसलिए अभी यह स्पष्ट होना बाकी है कि घोषणा में जिस शब्दावली का उपयोग किया गया है, उसका अर्थ क्या है।
जगह का अभावगत सरकार ने खिजूरीबास टोल से टपूकड़ा तक सडक़ चौड़ीकरण की बजट घोषणा की थी। इसमें चौड़ीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण भी किया जाना था। फिलहाल टपूकड़ा तक टोल को शिफ्ट करने के लिए रिडकोर के पास जगह उपलब्ध नहीं है।
इस तरह समझिए शिफ्टिंग के गणित की पेचीदगीअलवर भिवाड़ी (90 किमी) मेगा हाईवे निर्माण के बाद इस पर तीन जगह टोल लगाया गया है। नई गाइडलाइन के बाद एक से दूसरे टोल के बीच 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। उक्त सडक़ पर तीन टोल हैं। खिजूरीबास टोल को नगर परिषद सीमा से बाहर करने की मांग थी। अब इसे टपूकड़ा से पहले तक शिफ्ट करने पर भी समस्या का हल नहीं निकल रहा है। टपूकड़ा तक औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार हो चुका है। होंडा चौक से खुशखेड़ा, कारोली, सलारपुर के लिए मुख्य मार्ग है। वहीं टपूकड़ा की तरफ से भी सडक़ है। नगर परिषद की सीमा मटीला चौकी से आगे ओमेक्स सिटी तक है। इसके बाद थड़ा ग्राम पंचायत है। थड़ा रोड पर कई आवासीय सोसायटी है। उक्त सोसायटी के निवासी टोल हटाने के आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं क्योंकि वह इससे परेशान होते हैं। एसएच 25 पर थड़ा से आगे ततारपुर गांव है। गांव रोड पर बसा होने की वजह से जगह की कमी है। आगे पंचायत सलारपुर का गांव बनवीरपुर है। सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां उद्यमियों का आवागमन होता है। इससे आगे बुरहेड़ा पंचायत का गांव करमपुर पड़ता है, इसके बाद टपूकड़ा आ जाता है। टपूकड़ा भी नगर पालिका घोषित हो चुका है। परिसीमन होने के बाद आसपास का क्षेत्र भी शामिल होगा। नगर निकाय बनने के बाद टपूकड़ा में टोल शिफ्ट नहीं हो सकता। टपूकड़ा से आगे जाने पर तिजारा की दूरी करीब 20 किमी रह जाती है। नियमों के अनुसार एक टोल से दूसरे के बीच 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। तिजारा टोल भी नगर पालिका सीमा में आता है। अगर खिजूरीबास टोल को शिफ्ट करते हैं तो तिजारा टोल को हटाने की मांग भी जोर पकड़ेगी।
टोल से बंट गया शहरखिजूरीबास टोल को शिफ्ट करने के लिए जब भी मांग उठी, लोगों ने यही कहा कि इस टोल से भिवाड़ी दो शहरों में बंट जाता है। एक नगर परिषद क्षेत्र में आने जाने के लिए लोगों को टोल देना पड़ता है। दिल्ली से आने वाले उद्यमी को टपूकड़ा, खुशखेड़ा, सलारपुर, कारोली में जाने के लिए टोल चुकाना पड़ता है। थड़ा के आसपास सोसायटी में रहने वाले निवासियों को भिवाड़ी आने के लिए टोल देना पड़ता है। जाम में फंसना पड़ता है। इसलिए टोल को हटाने के लिए आंदोलन हुए।
मुख्यालय से जो भी आदेश आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं मिली है।पंकज मोदगिल, प्रोजेक्ट मैनेजर, रिडकोर