उद्यमियों की अनुदान राशि अटकाने वाला नियम हटाया
पत्रिका की खबर के बाद 50 उद्यमियों को 60 करोड़ के ऋण पर मिलेगी राहत
उद्यमियों की अनुदान राशि अटकाने वाला नियम हटाया
भिवाड़ी. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (एमएलयूपीवाई) के तहत दिसंबर में जोड़े गए नए नियम को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने हटा दिया है। उद्यमियों को ब्याज अनुदान में झटका देने वाले नियम के बाद पत्रिका ने 18 जनवरी के अंक में उद्यमियों की अनुदान राशि अटकाने को अधिकारियों ने जोड़ा नियम शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद उद्योग विभाग में नियम की समीक्षा की गई और स्पष्ट आदेश 15 फरवरी को जारी कर दिए गए हैं। पूर्व में जिन उद्यमियों ने विभाग की योजना के जरिए ऋण लिया था, उन्हें ब्याज अनुदान राशि मिलती रहेगी।
एमएलयूपीवाई में भिवाड़ी के सैकड़ों उद्यमियों ने ऋण लिया था। तब इसमें स्थानीय, प्रदेश या अन्य राज्यों के उद्यमी होने नहीं होने का कोई नियम नहीं था। एक दिसंबर 2023 में अधिकारियों ने एक आदेश निकाल दिया कि योजना के तहत अनुदान सिर्फ प्रदेश में निवास करने वाले उद्यमियों को ही मिलेगा। इसके बाद सैकड़ों उद्यमियों की अनुदान राशि बंद कर दी गई है। जिन उद्यमियों ने योजना के तहत ऋण लिया था, उन्हें कई तिमाही में ब्याज अनुदान दिया जा चुका था। आदेश आने के बाद अनुदान को रोका गया। जिससे उद्यमियों पर आर्थिक भार बढऩे लगा।
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60 करोड़ पर अनुदान अटका था
नया नियम जोड़े जाने के बाद भिवाड़ी के 50 उद्यमियों को मुसीबत खड़ी हो गई थी। अब स्पष्टीकरण आने से इन उद्यमियों को राहत मिलेगी। इन उद्यमियों ने एमएलयूपीवाई के तहत 60 करोड़ का ऋण लिया था। इन उद्यमियों को एक दो बार तिमाही अनुदान भी करीब एक करोड़ रुपए मिल चुका था। बाद में बंद करने से इन्हें ऋण की ब्याज राशि और उत्पादन की लागत बढऩे का खतरा सता रहा था। नए आदेश के बाद सभी उद्यमी राहत महसूस कर रहे हैं।
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स्थानीय कार्यालय ने की पैरवी
उद्यमियों की समस्या को देखते हुए स्थानीय डीआईसी कार्यालय ने भी पुरजोर तरीके से उद्यमियों का पक्ष रखा। उद्यमियों के सामने आ रही समस्या को जीएम एसएस खोरिया ने उच्चाधिकारियों के सामने रखा। इसी का नतीजा था कि मामले को जल्द ही निस्तारित कर दिया गया।
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