हालांकि गत वर्ष के जलभराव और इस बार के पानी में एक बड़ा अंतर है, वह यह कि गत वर्ष बायपास पर जो जलभराव हुआ उसमें फैक्ट्रियों का गंदा पानी आया। हरियाणा भी इसी गंदे पानी का विरोध करता था। इस बार बारिश में फैक्ट्रियों का गंदा पानी देखने को नहीं मिला है। सिर्फ बारिश का पानी है जो नालों से ओवरफ्लो होकर बायपास पर जमा हुआ है।
बारिश का नहीं इंतजामहरियाणा के साथ हुई बैठक में भिवाड़ी के अधिकारियों ने प्राकृतिक बहाव को खोले जाने की मांग की थी। भिवाड़ी के अधिकारियों ने उन्हें तथ्यों के माध्यम से बताया था कि भिवाड़ी के गंदे पानी की समस्या काफी हद तक निस्तारित हो चुकी है। बारिश का पानी प्राकृतिक बहाव से ही बहेगा। इसके लिए हरियाणा को बॉर्डर पर बनाए रैंप को हटाना होगा लेकिन हरियाणा के अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की।
राजनीतिक शिथिलताबायपास पर जलभराव को लेकर राजनीतिक स्तर पर भी शिथिलता और उदासीनता की स्थिति सामने आ रही है। दोनों प्रदेश और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद समस्या निस्तारित नहीं हो रही है। प्राकृतिक बहाव को रोकने के लिए रैंप नहीं हटा है। नेशनल और मेगा हाईवे को अवैध रूप से रोका गया है। बारिश का पानी भी हरियाणा ने रोक दिया है।
डायवर्जन भी हुआ विफलबारिश में पानी बायपास पर नहीं भरे इसके लिए प्रशासन ने तैयारी की थी, इसके लिए कैपिटल मॉल के पास खाली पड़े दो बड़े भूखंड, स्टेडियम की रिक्त भूमि और मंशा चौक के पास आवासन मंडल के खाली भूखंड में नाले रोककर पानी रोका गया। सुबह बारिश अधिक हो गई। नाले रोके जाने के बावजूद पानी बायपास पर पहुंच गया।
व्यापार हुआ प्रभावितबायपास पर बड़ा व्यापार क्षेत्र है। दर्जनों बैंक के साथ होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान और विशेषज्ञों के कार्यस्थल हैं। भगत ङ्क्षसह कॉलोनी में कई बड़े अस्पताल हैं। जलभराव की वजह से सभी व्यापारिक स्थल बंद करने पड़े। अधिकारी कर्मचारी कार्यस्थल तक नहीं पहुंच सके। उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। अगर यह समस्या गत वर्ष की तरह चलेगी तो स्थिति और खराब होगी।
सोसायटी ने पंप से छोड़ाबायपास की दर्जनों सोसायटी पंप लगाकर पानी को सडक़ पर छोड़ती हैं। यह सारा पानी धारूहेड़ा तिराहे पर आकर एकत्रित होता है। सोसायटी के अंदर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। गत वर्ष भी सोसायटी के पानी का मुद्दा अधिकारियों की बैठक में उठा। तब कार्रवाई करने के लिए भी टीम गठित हुई। जांच भी हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।