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औद्योगिक भूखंड पर ऊंचे भाव की साजिश रचकर भाग खड़े हुए बोलीदाता

एक महीने बाद जमा करानी थी 26 फीसदी राशि, रीको के पत्र भेजने पर भी नहीं आए सामने

भिवाड़ीAug 21, 2024 / 08:03 pm

Dharmendra dixit

भिवाड़ी. रीको के औद्योगिक भूखंड के लिए नौ जुलाई को जो नीलामी छूटी थी, उसमें बिचौलियों की साजिश उजागर हुई है। बिचौलियों ने बाजार में भूखंड के भाव ऊंचे उठाने के लिए ऊंची बोली लगाई। बोली बंद होने के बाद रीको ने एक महीने में पैसे जमा करने के लिए समय दिया तो बोलीदाता भाग खड़े हुए, इससे साबित होता है कि रीको के छोटे भूखंड को लेकर बाजार में बिचौलिए सक्रिय हैं, जो कि निवेशकों को बोली में रोककर, बाजार के माध्यम से ही भूखंड देने की साजिश रच रहे हैं।

रीको ने 20 जून से चार जुलाई तक भूखंड बेचने के लिए नीलामी लगाई। नीलामी नौ जून को बोली लगने के बाद समाप्त हुई। इसमें एच1-94 भूखंड के लिए 2.50 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर और एच1-95 भूखंड के लिए 4.23 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर की बोली लग गई। दोनों भूखंड पांच सौ मीटर के थे। जबकि यहां पर रीको की आरक्षित दर 25 हजार और सात हजार दो सौ रुपए थी। साथ ही बाजार में दोबारा बिक्री वाले भूखंड भी 30 हजार रुपए से ऊपर बिक रहे हैं। रीको ने एक महीने की अवधि में पैसा जमा करने के लिए ऑफर लेटर जारी किया लेकिन दोनों ही भूखंड पर अंतिम बोली वाले बोलीदाता सामने नहीं आए हैं। एक भूखंड की कीमत 12.59 करोड़ और दूसरे की 21.23 करोड़ रुपए बैठती है। इस तरह एक भूखंड की बोली आरक्षित दर के दस गुना और दूसरे की 59 गुना तक लगी। इतनी ऊंची बोली लगाने के पीछे जान बूझकर की गई साजिश ही नजर आ रही है। पूर्व में भी एक दो बार पांच सौ मीटर के भूखंड पर बिचौलियों की साजिश उजागर हो चुकी है। रीको क्षेत्र में पहले से खरीदे भूखंड के भाव को बढ़ाने के लिए बिचौलिए इस तरह की हरकत कर चुके हैं।

साजिश हो से उठ गया पर्दा

बोलीदाताओं ने जानबूझकर इतने महंगे भाव पहुंचाए यह स्पष्ट हो चुका है। बोली लगने के बाद कमेटी ने भाव स्वीकृत किए। बोली लगाने के लिए पांच प्रतिशत राशि जमा होती है। एक महीने में भूखंड की कीमत का 26 फीसदी पैसा जमा होता है। इसके बाद ही रीको आवंटन पत्र जारी करती है। एक भूखंड पर बोली लगाने के लिए 6.27 लाख और दूसरे पर 1.80 लाख रुपए जमा हुए थे।

छोटे भूखंड बड़ा मामला

उद्योग क्षेत्र में सक्रिय दलाल लॉबी छोटे भूखंड को निशाना बनाकर खेल खेलते हैं। गत वर्ष अक्टूबर में ई वेस्ट (इलेक्ट्रोनिक कचरा) के दो भूखंड के लिए 90 बोलीदाता आ गए। बोली रात को दो बजे तक चली। एक भूखंड की बोली के लिए 1.80 लाख रुपए जमा हुए। दलालों ने उक्त भूखंड के भाव 35 हजार प्रति वर्गमीटर तक पहुंचा दिए। बाद में अंतिम बोलीदाता ने पैसे जमा नहीं कराए। रीको ने 1.80 लाख रुपए जब्त कर लिए लेकिन उद्योग क्षेत्र में भाव में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई।

माहौल बनाकर बनाई तेजी

बिचौलिए इस तरह छोटे भूखंड पर एक दो लाख रुपए लगाकर रीको क्षेत्र में ऊंचे भाव होने का माहौल बनाते हैं। उन्हें इस राशि के जब्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह उससे ज्यादा बाजार से कमा लेते हैं। पूर्व में खरीदे गए भूखंड ऊंचे भाव में बिक जाते हैं। गत वर्ष अक्टूबर में भी यही देखने को मिला। रीको के भूखंड को लेने कोई नहीं आया जबकि उद्योग क्षेत्र में पूर्व में खरीदे गए भूखंड की खरीद-बिक्री में तेजी देखी गई। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

एक्सपर्ट सलाह : इस तरह रुकेंगे ऊंचे भाव
छोटे भूखंड के लिए अमानत राशि को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 फीसदी करना चाहिए। साथ ही छोटे भूखंड ऑक्शन में एक-दो की जगह ज्यादा संख्या में लगाने चाहिए। जिससे मारामारी खत्म होगी। ऑक्शन में वही भाग लेंगे जो असल उद्यमी हैं। अभी तक अमानत राशि कम होने से बिचौलिए बेवजह नीलामी में भाग लेकर उद्योग क्षेत्र में भूखंड के भाव बढ़ा रहे हैं।

शैलेंद्र सिंघल, औद्योगिक निवेश सलाहकार

रीको उद्योग लगाने के लिए भूखंड देती है, ऑक्शन में कोई चालबाजी करता है तो अमानत राशि को जब्त कर लिया जाता है।
आदित्य शर्मा, यूनिट हेड, रीको

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