Rain in MP : नदी किनारे बसे इन 125 गांवों पर डूबने का खतरा, Alert Mode पर प्रशासन
Rain in MP : चंबल, सिंध और क्वारी नदी में बाढ़ और कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने बाढ़ के हालात बने हैं। सिंध नदी में मड़ीखेड़ा और हरसी डैम से पानी छोड़ने से भी बाढ़ आ जाती है। किनारों पर बसे 125 से अधिक गांव खासा प्रभावित होते हैं। इन्हें लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
Rain in MP : मानसून की शुरुआत से ही मध्य प्रदेश के अंतर्गत आने वाले ग्वालियर – चंबल संभाग में जोरदार बारिश का दौर जारी है। लगातार जारी बारिश के चलते अंचल के कई जिलों में हालात बेकाबू हो चले हैं। इसी के चलते भिंड जिले में भारी बारिश के कारण 100 से ज्यादा गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इस खतरे से निपटने के लिए प्रशासन ने भी जोर शोर से तैयारियां पूख्ता करनी शुरु कर दी हैं।
जिले के अंतर्गत आने वाले करीब 125 से अधिक गांवों में बारिश के दिनों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, इस बार प्रशासन ने पहले से ही मुस्तैदी दिखाते हुए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में आने वाले गांवों के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। होमगार्ड कमांडेंट को राहत और बचाव दल को पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश तक दिए जा चुके हैं।
नदियों से घिरे भिंड जिले में बारिश के दौरान राजस्थान के कोटा बैराज और शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा और हरसी बांध से पानी छोड़े जाने पर सबसे ज्यादा बाढ़ आने का खतरा रहता है। ऐसे में इस बार जिला प्रशासन बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए कमर कस चुका है। बाढ़ की सूचना के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम तैयार कर लिया गया है, जो 24 घंटे जिले के हर संदिग्ध क्षेत्र की मॉनिटरिंग करेगा। कंट्रोलरूम में 8-8 घंटे के हिसाब से अधिकारियों की ड्यूटी बदली जा रही है।
चंबल, सिंध और क्वारी नदी हाई अलर्ट पर
जिले के अंतर्गत आने वाली चंबल, सिंध और क्वारी नदी में बारिश के समय बाढ़ आने की संभावना प्रबल हो जाती है। चंबल नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर बाढ़ आती है। सिंध नदी में शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा और हरसी डैम से पानी छोड़ने से बाढ़ आती है। क्वारी नदी में पगारा, तिघरा और ककैटो बांध से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ के हालात बन जाते हैं। ज्यादा बारिश होने से नालों में आए उफान के कारण बेसली नदी में बाढ़ के हालात बनते हैं। जिले में चंबल, सिंध, क्वारी, पहुंज, बेसली, झिलमिल और मृगा नदी हैं। चंबल, सिंध और क्वारी नदी के अलावा इन नदियों में बाढ़ का खतरा रहता है।
लावन का तालाब, मसूरी का तालाब, बाराकलां का तालाब से ज्यादा और लगातार बारिश के दौरान बाढ़ आने का खतरा रहता है। इसके अलावा कठवांहाजी का नाला, पाना का नाला और रेस्ट हाउस के पास वाले नाले से बाढ़ का खतरा बन जाता है। बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश जा चुके हैं।
बाढ़ से बचने के ये इंतजाम होंगे
जिले के किसी भी हिस्से में बारिश के दौरान आई बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने हर संभव तैयारी पूरी कर ली है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी मनोज वार्ष्णेय और जिले के सभी एसडीएम को जरूरी चीजों का भंडारण करने को कहा गया है। सीएमएचओ डॉ. शिवराम सिंह कुशवाह को पर्याप्त मात्रा में जरूरी दवाओं का इंतजाम करने को कहा गया है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाओं को भी पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश मिले हैं।
राहत के लिए यह उपकरण तैयार
जिले में किसी भी समय बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए होमगार्ड कमांडेंट के पास लाइफवाय रिंग, लाइफ जैकेट, रस्सा, टार्च, इमरजेंसी सर्चलाइट, अटेर में 2 मोटर बोट, 900 मीटर रस्सा, 25 ट्यूब और 8 लाइफ जैकेट हैं। होमगार्ड कमांडेंट के पास खोजी और बचाव दल 10 हैं और स्थानीय व ग्रामीण स्तर पर मल्लाह और गोताखोरों को चिह्नित करके स्टेंडबाय पर रखा गया है।
सिंध नदी किनारे के भिंड के मड़नई, जखमौली, खेरा श्यामपुरा, ककहरा और टेहनगुर गांव में बाढ़ का खतरा रहता है। मेहगांव के सांदुरी, बझरौली, बछरेटा, बरैठीखुर्द, बरैठीराज, खेरिया सिंध और कछार। रौन के इंदुर्खी, कोंध की मढ़ैया, निवसाई, महायर, रेंवजा, मेंहदा, पढ़ौरा, दोहई, हिलगवां। लहार के लिलवारी, लगदुआ, बरहा, केशवगढ़, अजनार, रोहानीसिंग पुरा, मड़ोरी और सिजरौली गांव में बाढ़ आने का खतरा रहता है।
चंबल नदी किनारे के भिंड के ज्ञानपुरा और बरही। अटेर के मुकुटपुरा, कछपुरा, खेराहट, नावली वृंदावन, मघेरा का दिन्नपुरा, नखलौली की मढ़ैया, कोषण की मढ़ैया, चिलोंगा, रमा का कोट, तरसोखर, नावलीहार, आकौन, अहरौली काली, गड़ेर, चौम्हों, सूरजपुरा, विंडवा, कनैरा गांव में बाढ़ आने का खतरा रहता है।
क्वारी नदी किनारे के भिंड के बघेड़ी, ईगुरी, बगुलरी, कचोंगरा, परसोना, मिरचौली, बझाई का गुवरिहाई, रमपुरा का नागौर। गोरमी के हरीक्षा, सिकरौदा, परोसा, सुकांड, आरोली, खेरा, कुटरोली, कचनावखुर्द, चंदेनी। बेसली नदी किनारे के मेहगांव में गाता, रजपुरा, देवरा, सिमार, विरगवां, सुंदरपुरा, डगर, जिठासों, सिलऊपुरा, मुसावली, खिदरपुरा। गोहद के खितौली, तुकैंड़ा, झावलपुरा, कठवांहाजी, बगुलरी पुरा, ररीका पुरा, बरथरा, गोहद बृह्मपुरी, गंगादास पुरा, गुरीखा, मकरेटा, मौ में बाढ़ का खतरा रहता है।
झिलमिल नदी किनारे के मेहगांव में परघेना, पिपरौआ, गहेली, आंतो, देवरा, सायपुरा, कनाथर गांव में बाढ़ आने का खतरा रहता है। पहुंज नदी किनारे के मिहोना में खुर्द की मढ़ैया, अहरौली, लेहचरा, छोटी मोरखी। लहार के बड़ा गांव नंबर 1, कारेपुरा और महुआ गांवे में बाढ़ का खतरा रहता है। मृगा नदी किनारे के लहार में मसेरन, आलमपुर, ररूआ नंबर 2, गांगेपुरा, टिमावली, विड़रा, भड़ेरी, पीपरी, असवार, लरसा, फरदुआ, मुरावली, देवरी, टोला, रावतपुरा खोड़, बिजौरा और कम्रौली गांव में बाढ़ आने का खतरा रहता है।
भिंड के पीसी एसडीईआरएफ वीरेंद्र सिंह नरवरिया का कहना है कि बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम है। हमने मुख्यालय पर एक यूनिट स्पेशल तैयार कर रखी है। इसके अलावा अटेर में भी बल को तैनात किया है।
‘खतरे वाले गांव चिह्नित’
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि बाढ़ के खतरे वाले गांव चिह्नित कर लिए हैं। ऐसा कोई भी खतरा नजर आने पर गांवों में तत्काल अलर्ट कर दिया जाएगा। सुरक्षित स्थानों को भी तलाशा गया है, जहां जरूरत पड़ने पर लोगों को रखा जा सकेगा।
Hindi News / Bhind / Rain in MP : नदी किनारे बसे इन 125 गांवों पर डूबने का खतरा, Alert Mode पर प्रशासन