रसाल सिंह ने एक बार फिर 16 अक्टूबर को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इसमें वे नई पार्टी की सदस्यता और चुनाव लडऩे का ऐलान कर सकते हैं। लहार विधानसभा से पिछला चुनाव भाजपा से लड़ चुके रसाल सिंह का दावा है कि इस बार भी सभी सर्वे में उनका नाम ऊपर था। पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती तो किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दे सकती थी, लेकिन जिसने भाजपा से बगावत कर बसपा से चुनाव लड़कर मुझे हरवाया उसे ही प्रत्याशी घोषित करने से कार्यकर्ताओं का मन आहत हुआ है।
दतिया में कांग्रेस नेताओं के बगावती संकेत
दतिया. दतिया, सेंवढ़ा व भांडेर सीट के लिए टिकट घोषित होने केबाद दावेदारों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की। दतिया में प्रत्याशी बदलने को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जिला कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन किया और जिलाध्यक्ष रामकिंकर सिंह गुर्जर को पुनर्विचार के लिए ज्ञापन सौंपा। यही स्थिति सेंवढ़ा विधानसभा सीट पर है। यहां भी दावेदार नाराज हो गए हैं। दतिया में पूर्व विधायक राजेंद्र भारती टिकट के दावेदारों में पहले नंबर पर थे। भारती का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी है। हालांकि भारती ने व्यक्तिगत तौर पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
भानु बोले रणनीति बनाएंगे
भांडेर विधानसभा क्षेत्र के भानु ठाकुर टिकट के दावेदारों में शामिल थे। उप चुनाव में भी उन्होंने दावेदारी की थी लेकिन बरैया को टिकट मिला था। रविवार को टिकट घोषित होते ही भानु ने नाराजगी जाहिर की और बगावत के संकेत दिए। उन्होने वीडियो जारी कर कहा कि जल्द ही रणनीति बना कर जनता के बीच में आएंगे।
ग्वालियर में टिकट न मिलने से केदार नाराज, कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा
ग्वालियर. ग्रामीण विधानसभा से चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटे कांग्रेस पार्टी के नेता केदार कंसाना का टिकट कटने से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। केदार ने कहा, सुबह 7 बजे तक मुझे आश्वासन मिलता रहा कि टिकट मिलेगा और सुबह 9.30 बजे नाम सूची में नाम नहीं था। केदार ने सवाल उठाते हुए कहा, पार्टी के लिए 22 साल से काम कर रहा हूं, फिर क्यों टिकट काटा। जो हर पांच साल में पार्टी का झंडा बदल लेते है, ऐसे को टिकट मिल रहा है तो पार्टी में रहने का फायदा नहीं। केदार ने कहा कि उनसे अन्य पार्टियों के पदाधिकारियों ने संपर्क किया है, चुनाव लड़ूगा, लेकिन किस पार्टी यह अभी तय नहीं है।
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