सबसे पहले लहार विधानसभा सीट के मिहोना नगर परिषद क्षेत्र में प्रवेश किया तो उखड़ी सड़कों से वास्ता पड़ा। इसी से बात की शुरुआत की। लोग पहले झिझके, पर फिर खुलकर बोलने लगे। उरई मोड पर बस का इंतजार कर रहे विवेक शर्मा ने कहा क्षेत्र में सड़क, यातायात, पेयजल, स्वास्थ्य की समस्याएं हैं। सरकारी दावों और उन पर व्यावहारिक अमल में विसंगति पर किसान अंगद सिंह उखड़ते हुए बोले मार्च में खूब ओले गिरे, फसलें बर्बाद हुईं, अधिकारियों ने दौरे किए और नुकसान भी आंका पर मुआवजा नहीं मिला। लहार में महाराणा प्रताप चौराहे पर अंकित सिंह ने कहा गांव में स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा अच्छी नहीं हैं। अस्पताल में पहले तो स्टॉफ कम है और जो उपलब्ध है वह कत्र्तव्य के प्रति पाबंद नहीं है।
बाइक से ही चलते हुए करीब 25 किलोमीटर का सफर तय कर कुछ ही समय में मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में अमायन रोड पर पहुंचा, तो वहां भी कस्बे की सड़कों को बदहाल पाया। गुड्डू सिंह ने खारे पानी की समस्या भी गिनाई और कहा कि सबको पता है, लेकिन जिम्मेदार गंभीर नहीं। अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहते और बिजली संकट भी रहता है। भारौली के किसान धर्म सिंह ने फसल की बर्बादी के बावजूद मुआवजा न मिलने पर फसलों के सर्वे और मुआवजा वितरण की प्रणाली की कमियों को कोसा और कहा जो बर्बाद हो गए उन्हें भी कुछ नहीं मिला। मेहगांव में गोरमी रोड पर कारोबारी राजकुमार जैन से महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा छेड़ी तो बोले-बेरोजगारी समस्या है, महंगाई भी चिंता का विषय है।
पानी पूरी का ठेला लगाने वाले मुकेश सरकारी योजनाओं को छलावा मानते हुए कहते हैं कि जितनी मेहनत करोगे, उतना कमाओगे और चैन से रहोगे। मेहगांव मुख्य बाजार निवासी शिवम चौधरी का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 साल से प्रसूति रोग विशेषज्ञ का नहीं होना बड़ी तकलीफ है। लोग बहुत परेशान हैं। मेहगांव में बाइक छोड़कर हम यात्री बनकर टमटम में बैठे तो चालक गोरमी निवासी अरविंद ने सरकारी योजनाओं से लाभ की बात कहते हुए खुशी जताई। वे बोले-सरकार ने एक आवास दे दिया, एक भाई की नौकरी स्थानीय निकाय में लग गई, हम टमटम चलाने लगे।
अमायन से 20 किमी बाइक से सफर कर हम गोहद विधानसभा क्षेत्र के मौ कस्बे में पहुंचे, यहां बेहट मोड पर एक सामान्य यात्री की तरह फल विक्रेता रशीद खान से सरकारी योजनाओं पर चर्चा छेड़ी तो वे बोले मेहनत करने वाले सरकारी योजना पर निर्भर नहीं रहते। इसी पुश्तैनी काम से दो बेटों व एक बेटी का विवाह कर लिया। अपना मकान है और अभी हाथ-पैर चल रहे हैं, खा-कमा लेंगे।
मालनपुर के सिंगवारी में ऑनलाइन कियोस्क संचालक अशोक शिवहरे कहते हैं एक साल से अधिक समय नगर परिषद के गठन को होने के बावजूद नल से पेयजल उपलब्ध नहीं है। निजी बोर से लोग पानी खरीद रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन फिर भी बेरोजगारी है। उद्योग बंद रहे हैं, उनकी जगह नए नहीं आ रहे। मालनपुर के ही मुख्य बाजार में ही कारोबारी रॉकी जैन औद्योगिक क्षेत्र से समस्या नहीं है। वे इसे उपयोगी बताते हैं। उन्होंने कहा यहां चिकित्सकों की कमी खलती है।