मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट पर भाजपा सांसद संध्या राय पर भरोसा जताना बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हुआ।उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के रण में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए दिग्गज नेता और विधायक फूलसिंह बरैया और बसपा के कल्याण सिंह कंसाना को कांटे की टक्कर देकर जीत दर्ज की है।
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बता दें कि
भिंड सीट पर साल 1989 से भाजपा का कब्जा है। परिसीमन के बाद ये सीट अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। इसके बाद भी भाजपा ने इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखा। इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा की मौजूदा सांसद संध्या राय और कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया के बीच रहा और कड़ी फाइट के बाद आखिरकार भाजपा की संध्या राय अपनी सीट बचाने में सफल रहीं। देवाशीष जरारिया के बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया।
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भिंड लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान हुआ, जिसमें 54.93 फीसद मतदान हुआ। 2019 में यहां 54.42 फीसद तो 2014 में 45.63 फीसद मतदान हुआ था। 2019 से मामूली बढ़त के साथ मतदान हुआ लेकिन इस बार मुकाबला त्रिकोणीय रहने के कारण हार – जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है।
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भिंड लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें अटेर, भिंड, लाहर, मेहगांव, गोहाद, सेवदा, भांडेर और दतिया शामिल है। खास बात यह है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में चार-चार सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को जीत मिली थी। इस वजह से कांग्रेस इस सीट को लेकर आशान्वित नजर आ रही है।
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भिंड लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसके बाद के तीनों लोकसभा चुनावों में भाजपा को यहां जीत मिलती रही है। भाजपा ने 2019 में यह सीट संध्या राय ने जीती थी। इससे पहले 2014 में भागीरथ प्रसाद ने यहां से जीत हासिल की थी। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारे भागीरथ प्रसाद को 2014 में भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली और उन्हें तत्काल टिकट भी मिल गया था। तब वे 2014 में यहां से सांसद बने थे।
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भिंड लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने संध्या रे को मैदान में उतारा है वहीं, कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को उम्मीदवारी सौंपी है। फूल सिंह बरैया 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भांडेर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे थे। इन चुनावों में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार घनश्याम को 29 हजार वोटों से हराया था। अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर फूल सिंह बरैया पर ही भरोसा जताया है। पार्टी को उम्मीद है कि फूल सिंह भिंड लोकसभा की सीट पार्टी की झोली में डालने में सक्षम हैं। फिलहाल, कांग्रेस पिछले 40 साल से भिंड लोकसभा सीट पर जीत की आस लगाए बैठी है।
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वैसे तो भिंड लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस बार 7 मई को इस सीट पर तीसरे चरण में हुए मतदान से पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। भिंड सीट को प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक महत्वपूर्ण सीट माना जाता है। यहां से साल 1989 से लगातार बीजेपी उम्मीदवार की ही जीत होती आ रही है। यहां से बीजेपी के ही रामलखन सिंह सर्वाधिक चार बार सांसद चुने जा चुके हैं। वो साल 1996 से 2004 तक सांसद रहे। वहीं इसके बाद अशोक अर्गल सांसद बने। वहीं 2014 में भागीरथ प्रसाद और 2019 में संध्या रे सांसद बनी। पार्टी ने इस बार भी संध्या रे को ही यहां से उम्मीदवारी सौंपी है। फिलहाल, जीत का सहरा किसके सिर पर बंधता है, ये तो 4 जून को ही पता चलेगा।