हनुमान भक्त है आजाद परिवार आपको बता दें कि, जिले के अंतर्गत आने वाले मौ कस्बे के गांधीनगर इलाके के निवासी आजाद खान और उनका परिवार हनुमान मंदिर पर बीते 8 वर्षों से हनुमान जी की पूजा – अर्चना करता आ रहा है। परिवार के मुख्या आजाद खान का कहना है कि, हनुमान जी की पूजा – अर्चना से उनके सारे काम पूरे होते हैं। लिहाजा उन्होंने स्थानीय हिंदुओं और मुसलमानों के लोगों से जागा सरकार हनुमान मंदिर पर भागवत कथा कराने की इच्छा जताई। उनकी इस इच्छा का इलाके के सभी लोगों ने दिल से स्वागत किया। भागवत कथा कराने के लिए वृंदावन धाम के विख्यात कथावाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री से संपर्क कर कुछ दिन पहले नारियल सुपुर्द किया गया था।
सतानत पोशाक पहनकर निकाली कलश यात्रा
इलाके में हो रही भागवत कथा की एक और खास बात ये भी है कि, इसकी शुरुआत 22 अप्रैल यानी ईद के दिन से की गई है। 22 अप्रैल को आजाद खान ने पहले नमाज अदा की, उसके बाद उन्होंने हिंदू और मुस्लिम भाई बहनों को आमंत्रित कर सनातन पोशाक में शहरभर में कलश यात्रा निकाली। इसमें आजाद खान धार्मिक ग्रंथ भागवत कथा पोथी को सिर पर रखकर आदर के साथ चलते हुए नजर आए।
जीवन में एक इच्छा थी, वो भी अब पूरी होने जा रही है- आजाद खान
इस संबंध में आजाद खान ने मीडिया को बताया कि, ईश्वर – अल्लाह एक है। हम तो सिर्फ इंसानियत को मानते हैं। जिस शिद्दत से हम नमाज अदा करते हैं और इस्लाम की पवित्र महीने रमजान में रोजे रखते हैं, ठीक उसी तरह शिद्दत से हनुमान जी की पूजा – अर्चना भी करते हैं। आजाद खान कहते हैं कि, हनुमान जी की कृपा से उनको सब कुछ प्राप्त हुआ है। उनके जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। उनकी इच्छा थी कि, उनके अपने जीवन काल में भागवत कथा कराई जाए, वो भी अब पूरी होने जा रही है। बता दें कि, गांधीनगर में आयोजित भागवत कथा 29 अप्रैल तक चलेगी।
बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा मुस्मिल समुदाय
बता दें कि, इस भागवत कथा के मुख्य यजमान आजाद खान हैं। कथा में आजाद खान के परिवार के साथ साथ इलाके में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग ?
इस संबंध में स्थानीय रहवासी महेश सोलंकी का कहना है कि, आजाद खान पहले से शराब जैसा नशा किया करते थे, लेकिन आठ साल पहले जब जागा सरकार की शरण में आए और हनुमान भक्ति में मन लगा लिया और अब श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करा रहे हैं। वहीं कथा शास्त्री भी भागवत कथा का श्लोक सुनाते हुए कहते हैं कि, जो भी भगवान की शरण में आता है, उसका कल्याण हो जाता है, चाहे वो किसी भी धर्म को क्यों न मानता हो।