बिना जांच पति गिरफ्तार
13 मई को रूपाहेली के श्यामलाल बलाई की पुत्री ने पीहर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। मृतका के पिता ने सदर थाने में पति कांदा निवासी रामलाल बलाई के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। जांच अधिकारी डीएसपी आर्य ने बिना जांच के बाद अगले दिन रामलाल को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया।
जांच पर उठे सवाल
रामलाल को जेल भेजने को लेकर रूपाहेली और कांदा के ग्रामीणों ने आवाज उठाई। दोषपूर्ण जांच के खिलाफ कलक्टे्रट पर प्रदर्शन किया। पुलिस अधीक्षक ने नए सिरे से तत्कालीन एएसपी दिलीप सैनी को जांच के आदेश दिए। एएसपी ने जांच में रामलाल को क्लिनचिट दी। मामले में एफ आर लगी और तीन माह बाद रामलाल जेल से छूटा।
मोबाइल बना आधार, नजरअंदाज किया
मृतका का मोबाइल जांच का आधार बना, जिसे डीएसपी आर्य ने नजरअंदाज किया। मृतका का मोबाइल बरदीशंकर खारोल के साथी मदनलाल ने दिया। रिश्तेदार मदन और महिला घंटों बातें करते थे। महिला का पति रामलाल पहले जोधपुर में जेसीबी चलाता था। घटना के एक पखवाड़े पहले हमीरगढ़ में काम कर रहा था। महिला और रामलाल के बीच कोई बातचीत सामने नहीं आई। तीन माह से महिला पीहर में थी। ससुराल पक्ष से संबंध भी मधुर थे। रामलाल ने अधिवक्ता लादूलाल तेली के मार्फत डीएसपी राजेश आर्य, उनके रीडर सेन, मृतका का पिता श्यामलाल, मदनलाल व बरदीशंकर खारोल के खिलाफ अदालत में इस्तगासा दर्ज किया था। अदालत ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे।