जलसंसाधान विभाग की नावें भी तैयार है, कलकट्रेट व नगर परिषद ने कंट्रोल रूम खोल दिया है। संबधित विभागों ने रेस्कयू के लिए टीम गठित कर दी है। शहर से लेकर दूर दराज के डूब क्षेत्र पर निगाहें है। इस बार बारिश में कही भी जल पलावन की स्थिति नहीं बनें और बांध सुरक्षित रहे, इसके लिए जिला टास्क टीम भी मुस्तैद है। जीवन रक्षक उपकरणों के साथ ही दक्ष गोतोखारों की तैनाती भी की गई है।
आपदा प्रबंधन: शहर से लेकर गांव तक रहेगी चौकस निगाहें आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग मानूसन की दस्तक के साथ ही सक्रिय हो गया है। अध्यक्ष जिला कलक्टर शिव प्रसाद नकाते स्वयं व्यवस्था संभाले है। एडीएम प्रशासन राकेश कुमार आपदा प्रबंधन की जरूरत के समय टीम कितने मुस्तैदी से काम कर सकती है, इसका पूर्वाभ्यास करवा चुके है। टीम प्रभारी गोपाल बांगड ने बताया कि छह लाख की लागत का ड्रोन टीम में शामिल है, यह बचाव व रसद सामग्री भी प्रभावित क्षेत्र में ले जाने में सक्षम है। विशेष क्षमता की दो नावें भी बेड़े में शामिल है। एक नाव में एक साथ बारह जने सवार हो सकते है। वाहन, गैस कटर, रस्सी, केमिकल दास्ताने, सुईट व मास्क, जीवनरक्षक उपकरण, लाइफ जैकेट, मेगा फोन, टेंट, स्ट्रेच्चर, सीढ़ी, इमरजेंसी व ड्रेगन लाइट, फेस्क मास्क समेत कुल 48 प्रकार की जरूर सामान उपलब्ध है। कलकट्रेट पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है। इसका नम्बर 01482 232671 है।
जल संसाधन विभाग: नाव से लेकर रेत के कट्टों को रखवाया जल संसाधन विभाग ने जिले में प्रमुख बांधों पर आपाद प्रबंधन के तहत तैयारी पूरी कर ली है। विभाग के पास चार पम्प है। इनमें दो छह एचपी का तथा दो बारह एचपी के है। इसके अलावा 11 वायरलैस सेट है। जो कि अरवड़, मेजा बांध, खारी, नाहर सागर, सरेरी, कोठारी, जेतपुरा, गोवटा व डामटी कोकरा बांध के साथ एक सेट जिला मुख्यालय स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर स्थापित किया गया है। इसके अलावा विभाग ने मत्स्य विभाग की 25 नावों को तैयार करके रखा है। दो-दो नावों को प्रमुख बांधों पर पहुंचाई गई है। इसके लिए अलावा रेत के पांच हजार खाली कट्टों का बंदोबस्त किया गया है। प्रमुख बांधों पर खाली कट्टों के साथ रेत के भरे हुए कट्टे रखवाए गए है।
नगर परिषद: जल भराव से निपटने के लिए पम्प सेट तैयार नगर परिषद ने भी मानसून आगाज के साथ आपत स्थिति से निपटने की व्यवस्था कर ली है। परिषद ने अतिवृष्टि के दौरान जलभराव होने पर चार पम्पों को तैयार रखा है। ताकि जल भराव होने पर पानी निकाला जा सकें। विभाग ने लाइफ जैकेट व नावों की भी सार संभाल की है। नगर परिषद के दमकल दस्ते ने भी कमर कस ली है।
जेतपुरा से खा चुके धोखा, इसलिए संभलना जरूरी
जेतपुरा बांध पर कुछ साल पूर्व हुई अतिवृष्टि के बाद जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के हाथ.पैर फूल गए थे। बांधों के गेट नहीं खुलने और बांध का पानी पाळ की दीवार को लांघकर बाहर आने से फूटने के अंदेशे से आसपास के गांवों को खाली कराना पड़ा था। इससे विभाग की आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई थी। गनीमत रही कि बीसलपुर बांध से आई आपदा टीम ने गेट खोलकर बांध के पानी की निकासी की थी।