सुबह साढ़े नौ बजे प्रतापनगर थाने में भादसौड़ा पुलिस ने दो शव मिलने और घटनास्थल पर मोटरसाइकिल मिलने की जानकारी दी। मोटरसाइकिल के नम्बर विजेन्द्र पायक के नाम से पंजीकृत होने की भी सूचना को प्रतापनगर थाने में विजेन्द्र के पड़ोसी हैड कांस्टेबल मोहम्मद इरफान ने गंभीरता से लिया। इरफान ने रामेश्वर को घटना से अवगत कराया। रामेश्वर के साथ ही विजेन्द्र के दोनों छोटे भाई भी इरफान के साथ मंडपिया के लिए रवाना हो गए। घर में महिलाओं को विजेन्द्र के सड़क हादसे में घायल होने की बात बताई। दोपहर में रामेश्वर लाल वहां पहुंचे तो विजेन्द्र व पोते के शव देख चीख पड़े।
शव शाम पौने सात बजे शव जवाहनगर लाए जाने पर कोहराम मच गया। विजेन्द्र की पत्नी डिम्पल बेसुध हो गई व मां की हालत बिगड़ गई। पापा विजेन्द्र का शव देख कर पांच वर्षीय पुत्री बिट्टू बिलखने लगी। मृतक के पिता रामेश्वर भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे, वो भी बिलख बिलख कर बेटे व पोते को याद कर रहे थे।
विजेन्द्र गुरुवार शाम माताजी के यहां बेटे को धोक लगाने की बात कहकर घर से निकला था। अपना मोबाइल पत्नी डिम्पल के पास छोड़ गया था। विजेन्द्र ने गुरुवार शाम ही अपने साथियों को बताया था कि उसने नया काम ढूंढ लिया है और शुक्रवार से ऑफिस जाना शुरू करेगा।
विजेन्द्र के दो अन्य छोटे भाई है। एक बहन है, जो कि दिल्ली में है। अंतिम संस्कार शनिवार सुबह किया गया। घर में नहीं चलने दिया पता
रिश्तेदारों ने मृृतक की पत्नी व मां समेत परिवार की अन्य महिला सदस्यों को घटना की जानकारी शवों के पहुंचने से कुछ देर पहले दी गई। इससे पहले क्षेत्र के लोगों व विजेंद्र के मित्रों ने घटना की जानकारी घर में नहीं पहुंच पाए, इसके लिए किसी को घर के अंदर नहीं जाने दिया।