इसमें बैंड-बाजों के साथ हाथियों पर इंद्र और इंद्राणी श्रीजी की प्रतिमा को लेकर चल रहे थे। इसके पीछे रथ पर श्रीजी की प्रतिमा को विराजमान कर देवता चंवर ढुरा रहे थे। साथ ही बारात में बड़ी संख्या में जैन समाज की महिलाएं और पुरुष धार्मिक धुनों पर थिरक रहे थे। मंगलवार को बारात से पहले सुबह 6.30 बजे जाप्यानुष्ठान्न, मंत्राराधना, अभिषेक व शांतिधारा और पूजन किया गया। जन्म कल्याणक पूजन, राज दरबार, 32 मुकुट बद्ध राजाओं द्वारा भेंट, युवराज पद अभिषेक, मुनि की दिव्य देशना, वैराग्य दर्शन, लौकांतिक देवागमन, वन गमन, दीखा विधि संस्कार, मुनि का वैराग्यप्रद उपदेश, श्रीजी की आरती, शास्त्र सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
धर्मसभा में मुनि आदित्य सागर महाराज ने भगवान नेमिनाथ के विवाह की कथा का वर्णन किया। अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव में बुधवार को ज्ञान कल्याणक मनाया जा रहा है। सुबह 6.30 बजे नित्यु पूजन, 8.30 बजे मुनिश्री के प्रवचन हुए। 48 मंत्र संस्कार मालारोपण विधि, अंकन्यास, मंत्रन्यास, चतुर्दिक्षु, होम संस्कार, 48 दीपों से आरती, शास्त्र सभा आदि कार्यक्रम हुए। शाम को भंजन संध्या में रूपेश जैन एवं पार्टी भजन पेश करेंगे।