पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के जनआधार धारक पालक योजना के पात्र होंगे तथा यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा तथा पशुपालकों को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा। पशुपालक 22 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं।
इतना होगा बीमा
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत
राजस्थान के पशुपालक अपने पशुओं का 40 हजार रुपए तक की राशि का बीमा निशुल्क करवा सकते हैं। इस योजना में गाय, भैंस व ऊंट की प्रति पशु 40 हजार रुपए बीमा राशि निर्धारित की गई है, वहीं भेड़ बकरियों के लिए प्रति यूनिट यानी 10 पशुओं की राशि 40 हजार रुपए तय की गई है।
आर्थिक संकट से बचाएगी योजना
ऐसे में पशु की मौत होने पर पशुपालक को आर्थिक संकट के बचने के लिए राज्य सरकार 40 हजार रुपए तक का मुआवजा दी। इस योजना में आवेदन निशुल्क किया जाता है। पशुपालकों को योजना में आवेदन के लिए जनाधार कार्ड, पशु के साथ पशुपालक की फोटो, पशु टैग नंबर का फोटो ले जाना होगा। अगर आपके पशु पर टैग नहीं लगा है तो पशुपालन विभाग के किसी भी अस्पताल में जाकर फ्री में टैग लगवा सकते हैं। इस योजना के तहत पशुपालक दो-दो गाय, भैंस, 10-10 भेड़-बकरियां और एक ऊंट का बीमा करवा सकता है।