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भीलवाड़ा

साहब ही नहीं, कैसे चले राज काज की गाड़ी

चुनाव एवं बजट में वोट बैंक को लुभाने के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्वयन में राज्य सरकार के कंजूसी बरतने से जिले में प्रशासनिक ढांचा लडख़ड़ाया हुआ है। राज्य सरकार ने वादे पूरे करने के प्रयास में जिले में पिछले एक दशक में कई नए उपखंड, तहसील व उप तहसील कार्यालय खोल तो दिए, लेकिन अधिकांश कार्यालयों में अधिकारियों की ही नियुक्ति नहीं की।

भीलवाड़ाJul 09, 2021 / 10:59 am

Narendra Kumar Verma

Not only sir, how did Raj Kaj's car go?

Not only sir, how did Raj Kaj’s car go?

भीलवाड़ा। चुनाव एवं बजट में वोट बैंक को लुभाने के लिए की गई घोषणाओं की क्रियान्वयन में राज्य सरकार के कंजूसी बरतने से जिले में प्रशासनिक ढांचा लडख़ड़ाया हुआ है। राज्य सरकार ने वादे पूरे करने के प्रयास में जिले में पिछले एक दशक में कई नए उपखंड, तहसील व उप तहसील कार्यालय खोल तो दिए, लेकिन अधिकांश कार्यालयों में अधिकारियों की ही नियुक्ति नहीं की। ऐसे में जिला प्रशासन सरकारी व्यवस्थाओं की गाड़ी जुगाड़ के जरिए ही चला रहा है। उपखंड मुख्यालयों व तहसील कार्यालयों में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को भी प्रशासनिक मामलों में राहत नहीं मिल सकी है।
क्षेत्र के विकास एवं लोगों की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो जाए, इसके लिए राज्य सरकार ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर कई नए सरकारी कार्यालय खोल दिए। जिले में एक दशक के भीतर जहां उपखंड मुख्यालयों की संख्या बारह से बढ़कर सोलह हो गई, वहीं तहसील कार्यालयों की संख्या भी आठ से बढ़कर सोलह हो गई। ग्यारह नई उप तहसील भी खोल दी गई। जिला मुख्यालय पर उप पंजीयन कार्यालय भी एक से बढ़कर दो हो गए, लेकिन यहां के प्रशासनिक कामकाज व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए राज्य सरकार सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर पा रही।
बिजौलियां में एसडीएम- तहसीलदार ही नहीं

कुछ साल पहले बनाए गए बिजौलियां उपखंड मुख्यालय पर लम्बे समय से उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के पद रिक्त है, जबकि यहां बहुत बड़ा खनन क्षेत्र है। कोटड़ी उपखंड मुख्यालय पर भी हाल ही में उपखंड अधिकारी की नियुक्ति हुई है, जबकि तहसीदार का पद अभी भी रिक्त है।
यूआईटी में भी कार्यवाहक

जिले की सबसे बड़ी नगरीय संस्था नगर विकास न्यास में सचिव व तहसीलदार के पद रिक्त है। यहां जिला प्रशासन कार्यवाहकों के भरोसेव्यवस्थाएं संभाल रहा है। स्थाई अधिकारी नहीं होने से न्यास की कार्यशैली सवालों में घिरी हुई है। जहाजपुर एसडीएम धर्मराज गुर्जर इसी माह सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जिले में उपखंड अधिकारियों के पांच पद खाली है।
डीआईजी स्टाम्प व पंजीयक के पद रिक्त
यहां कलक्ट्रेट परिसर स्थित उप महाप्रबंधक पंजीयन एवं मुद्रांक व भू प्रबंध अधिकारी एवं पदेन राजस्व अपील अधिकारी के पद लम्बे समय से खाली है। वरिष्ठ अधिकारियों के अभाव में कार्यालय से लेकर कोर्ट तक में राजस्व में कई मामले लंबित है। इसी प्रकार सहायक कलक्टर फास्ट ट्रेक भीलवाड़ा, मांडल व जहाजपुर के भी पद रिक्त है।
आधे भी नहीं है तहसीलदार

जिले में तहसीलदारों के भी आधे पदों पर लम्बे समय से नियुक्ति का इंतजार है। यहां मांडल, आसीन्द, बदनोर, बनेड़ा, शाहपुरा, फूलियाकलां, कोटड़ी, बिजौलियां, रायपुर में तहसीलदार नहीं है। इसी प्रकार कलक्ट्रेट में तहसीलादर निर्वाचन, उप पंजीयकतहसीलदार द्वितीय का पद रिक्त है। हमीरगढ़ तहसीलदार भी अस्वस्थ्य है।
आधी उप तहसीलों में नायब ही नहीं
ग्यारह उप तहसील कार्यालयों में भी आधे नायब तहसीलदार के कई पद रिक्त है। इनमें ज्ञानगढ़, बदनोर, हुरड़ा, खजूरी, पारोली, बडलियास में नायब तहसीलदार के पद खाली है।

अतिरिक्त प्रभार दे रखा है
जिले में उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के कई पद रिक्त है। प्रशासनिक कार्य व्यवस्थित रहे और लोगों को परेशानी नहीं हों, इसके लिए जिले में पदस्थापित उपखंड अधिकारियों व तहसीलदारों को अतिरिक्त कार्य भार सौंप रखा है। रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भिजवा रखे है।
– शिव प्रसाद नकाते, जिला कलक्टर, भीलवाड़ा

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